मधुबनी। बाबूबरही प्रखंड क्षेत्र के तीन दर्जन से अधिक किसानों को प्रखंड कृषि कार्यालय से अनुदान पर गेहूं बीज लेना महंगा पडा। इन किसानों ने डेढ से दो सप्ताह पूर्व अपने-अपने खेतों में बीज बोया। लेकिन, अब तक अंकुरण नहीं हो सका। कईयों के खेतों में नगण्य तो कई के खेतों में 25 फीसद ही अंकुरण हो सका है। इस बात की पुष्टि कुल्हरिया पंचायत के मुखिया व धत्ता टोल के किसान राजेश कुमार ने की है। बताया कि इनके पंचायत के दो दर्जन से अधिक किसानों को बिहार राज्य बीज निगम लिमिटेड का प्रमाणित बीज अनुदानित दर पर मिला था। लेकिन, इन किसानों के खेतों में एक पखवाडा बाद भी अंकुरण नहीं हो सका है।यही हाल सर्रा, घोंघौर पंचायत के कई किसानों का भी है। शिकायत पर जांच को आए एटीएम दीपक कुमार जाटव ने भी इस बात की पुष्टि की है। इधर, कृषि समन्वयक नोडल पदाधिकारी विद्यासागर सिंह ने बताया कि घौंघौर पंचायत से भी कुछ किसानों की शिकायत मिली है। जिसमें दो किसान के खेतों की जांच की गई। अंकुरण कही नगण्य तो कहीं 20 से 25 फीसद पाया गया है।
जांच प्रतिवेदन वरीय पदाधिकारी को सौंपा जा रहा है। इधर, किसानों में खलबली मची है। भटगामा के रामबाबू चौधरी सहित अन्य किसानों ने बताया कि ये लोग कहीं के नहीं रहे। गेहूं बीज बोने का उचित समय 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक ही होता है। हजारों की लागत व खून पसीना एक कर खेत में बीज बोया। अब अंधकार ही अंधकार नजर आ रहा है।