• May 3, 2024 11:04 pm

कितने प्रकार का होता है सूर्य-ग्रहण? जानें सबसे दुर्लभ कौन सा

अक्टूबर 13 2023 ! खगोल विज्ञान के मुताबिक 14 अक्टूबर यानी कल सूर्य ग्रहण तय है. इस घटना का असर भारत में नहीं दिखेगा. यह ग्रहण अमेरिका, कनाडा, अफ्रीका के कुछ हिस्सों में, अंटार्कटिका, अटलांटिका समेत कुछ अन्य देशों में देखा जा सकेगा. यह भारतीय समयानुसार रात 8.34 बजे से लेकर 2.25 बजे तक चलेगा. चूंकि भारत में इस समय रात होगा इसलिए यहां नहीं देखा जा सकेगा. पर दुनिया के उन हिस्सों में दिखेगा जहां दिन होता है.

सूर्य और चंद्र ग्रहण जैसी घटनाएं खगोल विज्ञान के लिए एक सामान्य घटना है लेकिन हिन्दू रीति-रिवाज में इसका बड़ा धार्मिक महत्व बताया जाता है. करेंट अफेयर्स और जनरल नॉलेज की बेहतर तैयारी के लिए इससे जु़ड़े सवाल-जवाब देख सकते हैं.

साल 2023 में कुल चार ग्रहण तय हैं. दो पूर्व में लग चुके हैं और दो इसी महीने लगने वाले हैं. सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर और 29 अक्टूबर को दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा. इससे पहले क्रमशः 20 अप्रैल को सूर्य ग्रहण तथा 5 मई को चंद्र ग्रहण लग चुका है.

सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है. ऐसी स्थिति में सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पहुँच पाना मुश्किल होता है. चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है. इस समय पर चंद्रमा पृथ्वी के करीब भी होता है.
चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में आ जाते हैं. खगोल विज्ञान के मुताबिक पृथ्वी सूर्य के और चंद्रमा, पृथ्वी के अनवरत चक्कर लगाते रहते हैं. ऐसे में ग्रहण एक सामान्य घटना के रूप में देखा जाता है. जानने योग्य कुछ अन्य वैज्ञानिक तथ्य चंद्रमा पृथ्वी के लगातार चक्कर लगाता है. उसी तरह पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है. जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तो उस समय सूर्य के प्रकाश से पृथ्वी महरूम रह जाती है. चंद्रमा उसे रोक लेता है. ऐसे में पृथ्वी के कुछ हिस्से में शाम या अंधेरा हो जाता है.
  • सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन लगता है. विज्ञान मानता है कि इस तिथि पर चंद्रमा, पृथ्वी के ज्यादा निकट होता है.
  • सूर्य ग्रहण चार तरीके के बताए गए हैं. आंशिक, पूर्ण, वलयाकार एवं हाइब्रिड. 14 अक्टूबर का ग्रहण वलयाकार है.
  • पूर्ण सूर्य ग्रहण प्रायः 18 महीने में एक बार होता है.
  • आंशिक सूर्य ग्रहण वर्ष में दो बार होता है.
  • वलयाकार ग्रहण साल-दो साल में एक बार होता है.
  • हाइब्रिड ग्रहण तुलनात्मक रूप से दुर्लभ है. यह पृथ्वी पर कहीं पूर्ण ग्रहण के रूप में तो कहीं वलयाकार रूप में दिखता है.

सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष    

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