रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में मनरेगा योजना के प्रभावी संचालन के लिए कार्यशैली में बदलाव लाएं. प्रत्येक वर्ष निर्धारित समय पर झारखंड राज्य रोजगार गारंटी परिषद की बैठक आयोजित हो, यह सुनिश्चित करें. मनरेगा के तहत रोजगार सृजन के लिए कई महत्वकांक्षी योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं से लाभुकों के जीवन स्तर पर क्या बदलाव हो रहा है, इसका आकलन करें. सभी योजनाओं की नियमित समीक्षा हो, योजनाओं को शत-प्रतिशत धरातल पर उतारा जाए. मुख्यमंत्री ने आज झारखंड मंत्रालय में आयोजित झारखंड राज्य रोजगार गारंटी परिषद की बैठक में कहीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं का संचालन रिजल्ट ओरिएंटेड होनी चाहिए. लोगों की आय में वृद्धि हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हाल में लोगों की आय में वृद्धि हो, यह राज्य सरकार की प्राथमिकता है. गरीब, मजदूर, किसान सभी वर्ग एवं समुदाय के परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव हेतु सरकार कार्य कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों में मेढ़बंदी कार्य मिशन मोड में चलाएं. वर्तमान समय में वाटर रिसोर्स बहुत इंपॉर्टेंट है. खेत एवं टांड़ में मेढ़बंदी होने से कृषि के लिए जल स्तर के ठहराव में मदद मिलेगी.
माइक्रो नर्सरी खोलेंमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि ग्रामीण स्तर पर माइक्रो नर्सरी खोलें. माइक्रो नर्सरी का लाभ कृषि से जुड़े लोगों को मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि खास तौर पर वैसे किसान जो सालों भर सब्जी, फल इत्यादि की खेती करते हैं उन्हें ग्रामीण नर्सरी का लाभ शत-प्रतिशत मिल सकेगा. उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में कंपोस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को दुरुस्त करने का निर्देश अधिकारियों को दिया .
लाभुकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत चल रही योजनाओं के सफल संचालन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम डेवलप करें. इससे लाभुकों को समय की बचत हो सकेगी और रोजगार ससमय अधिक से अधिक मिल सकेगा. सभी विभाग आपसी समन्वय बनाकर लाभुकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाएं.
बैठक में मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा योजनाओं की प्रगति, महत्वपूर्ण निर्णयों और उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी पीपीटी के माध्यम से रखी. उन्होंने मुख्यमंत्री को वित्तीय वर्ष 2021-22 की कार्य योजना से अवगत कराया.