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भारतीय रेलवे को मिली मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए पर्यावरणीय मंजूरी

ByPrompt Times

Dec 4, 2020
भारतीय रेलवे को मिली मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए पर्यावरणीय मंजूरी

अधिकारियों ने 1 दिसंबर, 2020 को सूचित किया कि, भारतीय रेलवे को 508 किलोमीटर के मुंबई और अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए महाराष्ट्र और गुजरात में सभी अपेक्षित वानिकी, वन्यजीव और तट नियमन मंजूरियां मिल गई हैं.

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और CEO, वी.के. यादव ने एक आभासी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यह बताया कि, दोनों राज्यों में अपेक्षित वानिकी, वन्यजीव और तटीय विनियमन क्षेत्र से संबंधित मंजूरियां मिल गई हैं और इस परियोजना के लिए 1,651 उपयोगिताओं में से 1,070 उपयोगिताओं को स्थानांतरित कर दिया गया है. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने यह भी बताया कि, रेलवे को 67% जमीन भी मिली है, जो बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए आवश्यक है.
मुख्य विशेषताएं

• गुजरात में अधिग्रहित भूमि के बारे में विवरण देते हुए, वी.के. यादव ने कहा कि, 956 हेक्टेयर में से 825 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण कर भी लिया गया है, जो कुल 86% है.
• महाराष्ट्र राज्य में, 432 हेक्टेयर भूमि में से 97 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है जो कुल भूमि का 22% है. जबकि दादरा और नगर हवेली में विभाग द्वारा 8 हेक्टेयर भूमि में से 7 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है.
• भारतीय रेलवे ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए गुजरात में 32,000 करोड़ रुपये मूल्य के टेंडर्स जारी किये हैं जो 325 किमी वियाडक्ट और पांच स्टेशनों को कवर करेगा.
• इस परियोजना को पूरा करने की प्रारंभिक समय सीमा दिसंबर, 2023 थी. डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) की प्रगति पर टिप्पणी करते हुए, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि जून 2022 तक, यह DFC पूरा हो जाएगा.
• इस परियोजना के तहत इन बुलेट ट्रेनों द्वारा 350 किमी प्रति घंटे की गति से चलते हुए केवल 2 घंटे में 508 किमी की दूरी को कवर करने की उम्मीद है.
• वर्तमान में इस मार्ग पर चलने वाली ट्रेनों को दूरी तय करने में लगभग 7 घंटे लगते हैं जबकि उड़ान में लगभग एक घंटे का समय लगता है.

सबसे बड़ी रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना

14 सितंबर, 2017 को, प्रधानमंत्री मोदी और तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 1.08 लाख करोड़ (17 बिलियन डॉलर) रुपये की इस महत्वाकांक्षी परियोजना की आधारशिला रखी थी.

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर सबसे बड़ी रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में से एक है जो सरकार द्वारा शुरु की गई है और इसकी कुल अनुमानित लागत 81,459 करोड़ रुपये है.

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