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जल जीवन मिशन योजना-7 करोड़ से अधिक लोगों के घर में लगा नल- जानिए इसके बारे में सबकुछ

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Mar 11, 2021
जल जीवन मिशन योजना-7 करोड़ से अधिक लोगों के घर में लगा नल- जानिए इसके बारे में सबकुछ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को लाल किले के प्राचीर से जीवन में बदलाव लाने वाले जलजीवन मिशन (जेजेएम) की घोषणा की थी. इस मिशन का उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल के पानी का कनेक्शन देना है. जब मिशन की घोषणा की गई तब 18.93 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) नल के पानी का कनेक्शन था. इस तरह 2024 तक लगभग 15.70 करोड़ परिवारों को नल के पानी का कनेक्शन देना था. इसके अतिरिक्त सभी वर्तमान जल सप्लाई प्रणालियों तथा नल के पानी कनेक्शनों के काम सुनिश्चित करने थे. इस कार्यक्रम से प्रत्यक्ष रूप से 19 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को लाभ मिला है और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार हुआ है.
कोविड-19 महामारी तथा लॉकडाउन के बावजूद पेयजल की सप्लाई का काम जारी रहा. लॉकडाउन-1 का उपयोग योजना बनाने के लिए किया गया. इसमें राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कई दौर का विचार-विमर्श हुआ. जल सप्लाई आवश्यक सेवाओं में आती है और एहतियात के साथ जल सप्लाई का काम जारी रहा. प्रतिदिन 1 लाख कनेक्शन दिए जा रहे हैं.

7 करोड़ से अधिक लोगों के घर में लगा नल
मिशन प्रारंभ होने के समय से जल जीवन मिशन के अंतर्गत 3.77 करोड़ से अधिक परिवारों को नल के पानी का कनेक्शन दिया गया यानी 7 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों (36.5 प्रतिशत) को अपने घरों में स्वच्छ जल मिलना शुरू हो गया है.

एक तिहाई से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल से पीने का पानी मिल रहा है. 52 जिलों, 670 ब्लॉक, 42,100 पंचायतों तथा 81,123 गांवों में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति अपने घरों में निश्चित रूप से नल के पानी की सप्लाई मिल रही है.

गोवा 100 फीसदी नल के पानी का कनेक्शन देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. दूसरे स्थान पर तेलंगाना है. विभिन्न राज्य एक दूसरे से स्पर्धा कर रहे हैं और इस लक्ष्य पर फोकस कर रहे हैं कि देश में प्रत्येक परिवार को सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित हो सके.

पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, कोष का उचित उपयोग और सर्विस डिलीवरी अर्थात मजबूत जेजेएम-आईएमआईएस सुनिश्चित करने के अनेक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि जेजेएम के अंतर्गत भौतिक और वित्तीय प्रगति देखी जा सके, सार्वजनिक क्षेत्र में समर्पित डेशबोर्ड के साथ रियल टाइम में देखी जा सके.

इन कदमों में जल सप्लाई को मापने तथा निगरानी के लिए सेंसर आधारित आईओयूटी सॉल्यूशन,रियल टाइम आधार पर गांव में जल सप्लाई की मात्रा, गुणवत्ता तथा नियमितता को देखना है.इन कदमों में प्रत्येक एसेट की जीओ टैगिंग का प्रावधान है.

नल के पानी का कनेक्शन परिवार के प्रमुख के आधार नम्बर से जुड़ा है और सभी लेन-देन पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के माध्यम से किए जा रहे हैं.

समानता और समावेश के सिद्धांत को अपनाते हुए जेजेएम (i) गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों विशेषकर आर्सेनिक तथा फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों में दिसंबर 2020 तक पाइप से पेयजल (ii) एससी/ एसटी बहुलता वाले क्षेत्रों (iii) एसएजीवाई ग्राम (iv) सूखा संभावना वाले तथा रेगिस्तानी क्षेत्रों के गांव (v) आकांक्षी जिले तथा (vi) जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई/एईएस) प्रभावित जिलों में निश्चित रूप से पेयजल की सप्लाई को प्राथमिकता देता है.

ये राज्य हैं टॉप पर
जैसे-जैसे विश्व सामान्य स्थिति की ओर लौटने का प्रयास कर रहा है, वैसे ही जल जीवन मिशन एक साल की लम्बी अवधि के बाद लर्निंग सेंटर पर अपने बच्चों का स्वागत करता है.

बच्चे जल जनित बीमारियों के जल्द शिकार होते हैं और महामारी से लड़ने के लिए व्यक्तियों की सुरक्षा में हाथ धोना सबसे अधिक महत्वपूर्ण उपाय बन गया है.

इसको सर्वोच्चता देते हुए और जीवन में परिवर्तन के भाव से भारत सरकार द्वारा एक अभियान प्रारंभ किया गया है जिसके अंतर्गत पूरे देश में सभी स्कूलों, आश्रमों तथा आंगनवाड़ी केंद्रों में नल के पानी का कनेक्शन प्रदान किया जाएगा.

गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना में स्कूलों में पाइप का जल कनेक्शन केंद्र तथा राज्य सरकारों के प्रयासों से 100 प्रतिशत सफल हुआ है.

पांच राज्यों यानी गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना में सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में 100 प्रतिशत पेयजल कनेक्शन दिया गया है. कई राज्य ऐसे हैं जो 100 प्रतिशत तक पहुंचने की स्थिति में हैं.

अभी तक 5.43 लाख से अधिक स्कूलों तथा 4.86 लाख से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों को पाइप से पेयजल सप्लाई मिलने लगी है. अब तक की प्रगति को सराहते हुए यह अभियान 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है.
स्कीम के बारे में जरूरी जानकारियां
जल जीवन मिशन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में लागू किया जाता है. इस कार्यक्रम का फोकस लम्बे समय के आधार पर पर्याप्त मात्रा और गुणवत्ता के साथ नियमित जल सप्लाई सुनिश्चित करने पर है.

मिशन के अंतर्गत प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल के पानी का कनेक्शन दिया जाएगा और कोई व्यक्ति नहीं छूटेगा भले ही उसकी सामाजिक आर्थिक स्थिति कुछ भी हो. जेजेएम एक विकेंद्रित, मांग प्रेरित तथा समुदाय प्रबंधित कार्यक्रम है और इस मिशन के लिए निचले स्तर से ऊपर तक नियोजन और क्रियान्वयन का दृष्टिकोण अपनाया गया है.

गांव की जल सप्लाई योजनाओं के नियोजन, क्रियान्वयन, प्रबंधन, संचालन तथा रखरखाव में ग्राम पंचायत या ग्राम जल तथा स्वच्छता समितियां प्रमुख भूमिका निभाती हैं. प्रत्येक गांव ग्राम कार्य योजना (वीएपी) विकसित करता है और इसमें जल संसाधन प्रबंधन, जल आपूर्ति संरचना, धूसर जल शोधन तथा संचालन और रखरखाव को शामिल करता है. क्रियान्वयन के लिए वीएपी को ग्राम सभाएं स्वीकृत करती हैं.

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