5 जुलाई 2023 ! यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर जहां पूरे देश में चर्चा शुरू हो गई है, वहीं पंजाब में भी इसको लेकर सियासी माहौल गरमाता जा रहा है. पंजाब में सिखों की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध किया है. इसको लेकर एसजीपीसी ने कहा है कि खालसा अलग कौम है और कोई कोड उस पर लागू नहीं हो सकता है, हमारे धर्म के अलग नियम है.
वहीं अकाली दल ने भी एसजीपीसी के सुर में सुर मिलाते हुए यूसीसी का विरोध कि है. एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सिख कौम एक अलग कौम है. गुरु साहिबान ने हमें अलग से पहचान दी है. इसलिए कोई भी कोड इस पर लागू नहीं हो सकता. धामी ने कहा कि देशभर में विभिन्न जातियों और भाषा के लोग रहते हैं अगर सिविल कोड लागू होता है तो हमारे कल्चर को भी खतरा होगा क्योंकि हर समुदाय के अपने रीति-रिवाज और उसी हिसाब से कुछ कानून भी होते हैं. अपने त्योहार भी उसी हिसाब से होते हैं.
वहीं पंजाब की पुरानी क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध किया है. अकाली दल के उपाध्यक्ष दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि इस वक्त यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू किए जाने की कोई जरूरत नहीं है. ना ही इसकी किसी ने मांग की है. ऐसे में इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी पर भी निशाना साधा और कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन करके आम आदमी पार्टी का असली चेहरा सबके सामने आ गया है. इतने बड़े ज्वलंत मुद्दे पर किस तरीके से इन्होंने फैसला किया है ये पूरे पंजाब की जनता देख रही है.
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह राजा वडिंग ने इस मामले में बीजेपी पर निशाना साधा है और कहा कि बीजेपी असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए अब यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात कर रही है. वडिंग ने कहा बीजेपी हमेशा इलेक्शन से पहले कोई ऐसा एजेंडा लेकर आती है और लोगों को उसी में उलझा कर छोड़ देती है. ऐसा ही कुछ इस मामले पर किया जा रहा है. इस मामले पर बहस और चर्चा की जरूरत थी जो नहीं की गई ऐसा करके ये देश का नुकसान कर रहे हैं. हालांकि पंजाब आम आदमी पार्टी के नेता इसे केंद्रीय मुद्दा बताकर आलाकमान की ओर से ही इस मामले पर टिप्पणी करने की बात कर रहे हैं.
सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष “