• April 30, 2024 5:07 am

MAHARASHTRA:- महायुति में अब तक नहीं सुलझा सीट शेयरिंग विवाद, जानें मुंबई समेत महाराष्ट्र की किन 9 सीटों पर क्यों फंसा पेच

महायुति के सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर अब भी बात नहीं बन पाई है। अजित पवार की एनसीपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और बीजेपी के बीच 9 सीटों के लेकर बात फाइनल नहीं हो पा रही है। तीन दिन बाद लोकसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू हो जाएगा।

लोकसभा चुनाव शुरू होने में चार दिन बाकी हैं। महाराष्ट्र में पांच चरणों में वोटिंग होनी है।अब तक महायुति में सीट बंटवारा फाइनल नहीं हो पाया है। अजित पवार गुट की एनसीपी, बीजेपी और एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना के बीच खींचतान जारी है। तीनों दलों वाला महायुति गठबंधन महाराष्ट्र की 48 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ रहा है लेकिन रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग, सतारा, औरंगाबाद, नासिक, ठाणे, पालघर, मुंबई दक्षिण, मुंबई उत्तर पश्चिम और मुंबई उत्तर मध्य 9 सीटें ऐसी हैं जहां बात नहीं बन पा रही है। टिकट के इच्छुक उम्मीदवारों से लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच असमंजस की स्थिति बन गई है। रत्नागिरी-सिंधुदूर्ग और सतारा में 7 मई को तीसरे चरण का मतदान होगा जबकि औरंगाबाद में 13 मई को चौथे चरण का मतदान होगा। बाकी 20 मई को पांचवें चरण में मतदान करेंगे।

इधर शिवसेना में टिकट पाने की उम्मीद कर रहे नेताओं ने खुद के नामांकन को लेकर जारी अनिश्चितता के बावजूद अपना अभियान शुरू कर दिया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में अविभाजित शिवसेना ने इनमें से 6 सीट जीती थीं। पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि अब इन सीट पर मुख्य रूप से बीजेपी की नजर है। महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन ने मुंबई उत्तर-मध्य के लिए उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है।

देवेंद्र फडणवीस ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि महायुति में सीटों के बंटवारे को लेकर कुछ मतभेद बने हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘तीन-चार सीटों पर कुछ मुद्दे हैं। हम चर्चा कर रहे हैं उनका समाधान जल्द करेंगे।’ अजीत पवार और एकनाथ शिंदे ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए हैं। बीजेपी ने अभी तक 24 सीटों के लिए आधिकारिक तौर पर उम्मीदवारों का ऐलान किया है। शिवसेना ने 10 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। वहीं एनसीपी ने चार उम्मीदवारों की घोषणा की है। परभणी में राष्ट्रीय समाज पार्टी (आरएसपी) के महादेव जंकर एनडीए उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे हैं।

सीट बंटवारे में असमंजस की स्थिति से कार्यकर्ताओं का धैर्य खो रहा है, हालांकि उन्हें किसी भी तरह के विरोध से दूर रहने को कहा गया है। कार्यकर्ताओं को आश्वस्त करने के लिए, एकनाथ शिंदे और फडणवीस ने पूर्वी विदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैलियों में मंच साझा किया। यहां पर 19 अप्रैल को पहले चरण में पांच सीटों के लिए मतदान होगा। वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं से एनडीए के लिए तीसरे कार्यकाल के बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने मतभेदों को दूर करने का आग्रह भी किया।

ठाणे पर विवाद क्यों?

शिवसेना के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि बीजेपी ठाणे या कल्याण में चुनाव लड़ने की इच्छुक थी। यहां का प्रतिनिधित्व अभी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे कर रहे हैं। शिंदे सेना ने दोनों सीटें बीजेपी को देने से इनकार कर दिया। तमाम खींचतान के बाद पिछले हफ्ते उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कल्याण से श्रीकांत शिंदे की उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया। ठाणे मुख्यमंत्री शिंदे का गढ़ है, इसलिए यह संभावना कम है कि शिवसेना मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र को बीजेपी के लिए छोड़ेगी। ठाणे जिले के कल्याण शहर में शिवसेना कार्यकर्ता बीजेपी के साथ असहज महसूस कर रहे हैं।

क्यों फंसी नासिक लोकसभा सीट?​

लोकसभा सीट नासिक ऐसी है जहां गठबंधन के तीनों सहयोगियों ने रिंग में अपनी टोपी फेंकी है। शिवसेना के मौजूदा सांसद हेमंत गोडसे ने शिंदे के साथ आधा दर्जन बैठकें की हैं। उन्होंने शिंदे से नासिक निर्वाचन क्षेत्र नहीं छोड़ने का आग्रह किया है। अजित गुट की एनसीपी अपने वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल को यहां से मैदान में उतारने की इच्छुक है। शिवसेना प्रवक्ता संजय शिरसाट ने पूछा कि कौन सी पार्टी उस सीट को छोड़ती है जहां उसका एक मौजूदा सांसद है? बीजेपी भी बैकडोर से छगन भुजबल का समर्थन कर रही है लेकिन चाहती है कि वह बीजेपी के चिन्ह पर चुनाव लड़ें। सूत्रों ने कहा कि भुजबल को मैदान में उतारकर बीजेपी ओबीसी वोटों को मजबूत करने की उम्मीद करती है। भुजबल मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल के कट्टर आलोचक रहे हैं। वहीं भुजबल ने पिछले हफ्ते स्पष्ट कहा कि वह सिर्फ एनसीपी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे।

मुंबई की इन सीटों पर विवाद​

हाई-प्रोफाइल मुंबई दक्षिण सीट बीजेपी और शिवसेना के बीच विवाद बन गई है। बीजेपी विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर या महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा को यहां से मैदान में उतारने की इच्छुक है। वहीं शिवसेना ने अपने सहयोगी दल पर इस सीट पर दावा करके शिवसेना (यूबीटी) को अनुचित लाभ देने का आरोप लगाया है। शिंदे की पार्टी का तर्क है कि जब दोनों दल गठबंधन में थे तो बीजेपी ने हमेशा सीट अविभाजित शिवसेना के लिए छोड़ी थी। गठबंधन ने अभी तक मुंबई क्षेत्र में दो और सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। मुंबई उत्तर पश्चिम में, शिवसेना मौजूदा सांसद गजानन कीर्तिकर की जगह लेने के लिए उम्मीदवार की तलाश कर रही है, जिन्होंने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। उनके बेटे अमोल इस सीट के लिए शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार हैं, जबकि मुंबई उत्तर मध्य में बीजेपी मौजूदा सांसद पूनम महाजन की जगह लेने के विकल्प तलाश रही है।

सतारा पर खींचतान​

इस सीट पर बीजेपी और एनसीपी के बीच रस्साकशी देखने को मिल रही है। एनसीपी छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और बीजेपी के राज्यसभा सांसद उदयनराजे भोसले को अपने चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ाना चाहती है। हालांकि भोसले ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी पार्टी की स्थिति से समझौता नहीं करेंगे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

source navbharattimes

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