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गोवा में नहीं बनी महाविकास अघाड़ी-गोवा में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव मैदान में शिवसेना-एनसीपी, कल जारी होगी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट

ByPrompt Times

Jan 19, 2022 ##goa

19 जनवरी 2022 |   महाराष्ट्र में साथ मिलकर सरकार बनाने वाली शिवसेना-एनसीपी अब गोवा में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ेगी। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने बुधवार को गोवा में गठबंधन का ऐलान किया है।

बुधवार को संजय राउत ने कहा, “गोवा में एनसीपी और शिवसेना एक साथ चुनाव लड़ेंगे। हमने कांग्रेस के साथ चर्चा की थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। हम गोवा में एमवीए की तरह गठबंधन चाहते थे। अगर कांग्रेस को लगता है कि उन्हें अकेले बहुमत मिल सकता है, तो मेरी शुभकामनाएं हैं उन्हें।”

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हमने कांग्रेस को संयुक्त रूप से गोवा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन वह व्यर्थ रहा। उन्होंने न तो हां कहा और न ही इनकार किया। एनसीपी और शिवसेना संयुक्त रूप से गोवा चुनाव लड़ेंगे। सभी 40 सीटों पर नहीं, बल्कि पर्याप्त संख्या में। पहली सूची गुरुवार को जारी हो सकती है, उसके बाद अन्य सूचियां जारी होंगी।

प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बुधवार को गोवा विधानसभा चुनाव में विपक्ष का हिस्सा नहीं होने के लिए कांग्रेस पार्टी की आलोचना की है। प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्विटर पर कहा कि भले ही कांग्रेस गोवा में चुनाव के लिए किसी के साथ गठबंधन नहीं करना चाहती है, लेकिन उसे अन्य दलों को ऐसा करने से रोकने का प्रयास नहीं करना चाहिए। शिवसेना सांसद ने कहा कि कांग्रेस विपक्ष को साथ नहीं ले रही है, जिससे मतभेद और फूट पड़ रही है। इससे केवल भाजपा को फायदा होगा।

गोवा विधानसभा चुनाव 2022
गोवा में 14 फरवरी को एक ही चरण में चुनाव होने हैं। मतों की गिनती 10 मार्च को होगी। चुनाव की तारीखों की घोषणा मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने इस महीने की शुरुआत में एक संवाददाता सम्मेलन में की थी। गोवा में भाजपा सत्ताधारी पार्टी है। इस बार गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी), कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) भी चुनाव मैदान में है।

2017 में यह था राजनीतिक समीकरण
2017 में कांग्रेस ने 17 सीटें जीती थी, जबकि भाजपा ने 13 सीटें जीती थी। हालांकि, भाजपा ने मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में 3 जीएफपी विधायकों, 3 एमजीपी विधायकों और दो निर्दलीय और एनसीपी विधायक के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया था। 17 मार्च 2019 को उनके निधन के बाद, तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष प्रमोद सावंत ने मुख्यमंत्री के रूप में स्थान लिया।

Source;-“दैनिक भास्कर”

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