• May 11, 2024 4:47 pm

पेरेंट्स से छुप-छुपकर सीखी मॉडलिंग, शहर में पोस्टर छपे तो पता चला

18जुलाई 2022 इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट बनने का ख़्वाब देखने वाली रूबल ने मॉडलिंग के बारे में पहले सोचा न था। बस स्कूल टाइम में हुए एक इवेंट ने उनके करियर की डायरेक्शन ही बदल दी। ऐसा कॉन्फिडेंस बिल्ड हुआ कि रूबल ने एक के बाद एक इवेंट में रैंप पर जलवे बिखेरे। नाम तब चर्चा में आया, जब उन्होंने हाल ही में आयोजित ‘फेमिना मिस इंडिया-2022’ में फर्स्ट रनर अप का ताज हासिल किया।

आर्मी अफसर की बेटी रूबल शेखावत क्राउन पहनने के बाद अपने होम टाउन जयपुर पहुंचीं और भास्कर के साथ अपनी जर्नी शेयर की। वह बताती हैं, ‘मैं जब आर्मी स्कूल में पढ़ रही थी तब मुझे मिस एपीएस का टाइटल मिला था। तब मुझे ये रियलाइज नहीं हुआ था कि मॉडलिंग ही मेरा करियर होगा। फादर आर्मी में हैं तो मैं भी डिफेंस में अपना करियर बनाने के लिए मोटिवेटेड थी। स्कूलिंग के बाद जयपुर के कानोडिया कॉलेज से बी.कॉम की पढ़ाई के साथ-साथ सीडीएस की तैयारी भी कर रही थी। इस बीच एलीट मिस राजस्थान के कॉम्पिटिशन के बारे में मुझे पता चला। मैं अपने आपको उसमें पार्टिसिपेट करने से नहीं रोक पाई। इस इवेंट के लिए मैं बिल्कुल नई थी। मैं इस कॉम्पिटिशन में कोई टाइटल अपने नाम नहीं कर पाई थी। पर उसके बाद ये समझ आ चुका था कि मॉडलिंग ही मेरी मंजिल है।’

फैमिली को समझाना कितना आसान रहा, किस तरह से सपोर्ट मिला?
ये सब एक दिन में नहीं बदला। वक्त के साथ पेरेंट्स ने मेरे सपनों को समझा। क्योंकि मैं एक कंजरवेटिव फैमिली से आती हूं। शुरुआत में पैरेंट्स को बिना बताए मिस राजस्थान की ग्रूमिंग और ट्रेनिंग क्लासेज में जाना पड़ता था। मेरी फैमली उस वक्त सोसाइटी इमेज के कारण इस प्रोफेशन को लेकर काफी डरी हुई थी, लेकिन जब मुझे ऐड और मॉडलिंग के ऑफर आने लगे तब हालात बदलने लगे।

पेरेंट्स ने मेरे पोस्टर देखे तो उनका वो डर खत्म हो गया। मेरी मॉम ने जब पहली बार मेरा पोस्टर देखा था तो खुद के मोबाइल से फोटो क्लिक कर उसे स्टेटस पर लगाया। वैसे तो पूरी फैमिली ने सपोर्ट किया, लेकिन स्ट्रगल टाइम में मेरी दोनों बड़ी बहनें ही मेरा सपोर्ट सिस्टम थीं। मम्मी-पापा दोनों से छुप कर शूट्स पर जाती थी, लेकिन बहनों को ये बात पता होती थी।

फेमिना मिस इंडिया का सफर कैसे शुरू हुआ?
जयपुर से मॉडलिंग के दौरान ही मुझे मुंबई से भी ऑफर्स आने लगे। मुंबई के साथ-साथ दिल्ली में भी एड और इवेंटंस का काम मिलने लगा। तीन साल पहले भी फेमिना मिस इंडिया में पार्टिसिपेट किया था, लेकिन सिलेक्ट नहीं हो पाई। इस साल पूरी मेहनत के साथ फिर से ट्राई किया। फाइनली फेमिना मिस इंडिया में फर्स्ट रनर अप बनी। इवेंट में मुझे मिस ग्लैमर्स और मिस फोटोजेनिक का टाइटल भी दिया गया।

टाइटल जीतने के पीछे कितनी मेहनत है?
उस वक्त मैं बहुत नई थी। मुझे नहीं पता था कि इतने बड़े प्लेटफॉर्म पर खुद को कैसे प्रजेंट करना चाहिए। मैंने इस टाइटल को जीतने के बाद रियलाइज किया की आपको सक्सेस तभी मिल सकती है जब आप अपने आप से और दूसरों से ट्रू हैं। क्योंकि आप सच कहोगे तो लोग आपसे रिलेट कर पाएंगे। तभी वो आप में बिलीव कर पाएंगे। इसलिए मेरी पूरी फेमिना मिस इंडिया 2022 की जर्नी के दौरान मैंने जो फील किया, वही जजों को प्रजेंट किया। शायद मेरी यही ऑनेस्टी उन्हें पसंद आ गई।

क्या आपने कहीं से ग्रूमिंग क्लास ली थी?
नहीं, ये टोटली आपकी चॉइस है कि आप क्या चाहते हैं। अगर आप क्लास में पे करके सीखना चाहते हैं तो ये आपकी चॉइस है। मैंने किसी तरह की कोई फिजिकल क्लास नहीं की। मैंने जो भी सीखा नेट पर सर्च किया, पुराने फेमिना विनर्स के इंटरव्यूज और कंटेस्टेंट की परफॉर्मेंस से सीखा है। आज इंटरनेट पर हर चीज फ्री में अवेलेबल है। ये बेहतर हैं कि हम उसे यूज करें।

अब फ्यूचर प्लान क्या है?
फिलहाल तो इस टाइटल के साथ काफी सारी रिस्पॉन्सबिलिटी हैं, जिन्हें पूरा करना हैं। अभी मेरा पूरा फोकस इसी पर हैं। बाकी किसी भी नई अपॉर्चुनिटी के लिए मैं हमेशा तैयार हूं?

source “दैनिक भास्कर”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *