26 जनवरी 2024
ब्रह्मांड के बारे में वैज्ञानिक भले ही बहुत कुछ जान चुके हैं, पर धरती पर ही ऐसी कई जगहें हैं, जिसके बारे में उन्हें सही से पता ही नहीं है. क्या आप जानते हैं कि समंदर की गहराई कितनी है? इसको लेकर वैज्ञानिकों ने सिर्फ अनुमान लगाया है कि समुद्र की गहराई 11 हजार से 12 हजार मीटर हो सकती है. वैज्ञानिकों का ये भी अनुमान है कि इस गहराई में ऐसे-ऐसे अजीबोगरीब जीव भी छिपे हो सकते हैं, जिन्हें इंसानों ने आजतक देखा ही न हो. ऐसी ही एक खोज आजकल काफी चर्चा में है, जिसने वैज्ञानिकों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है.
दरअसल, प्रशांत महासागर की गहराई में वैज्ञानिकों को कुछ रहस्यमय अंडे मिले हैं, जो एकदम जेट-ब्लैक हैं. Indy100 की रिपोर्ट के मुताबिक, टोक्यो विश्वविद्यालय के डॉ. यासुनोरी कानो ने कुरील-कामचटका ट्रेंच में एक रिमोट से चलने वाला उपकरण भेजा, जिसमें कैमरे भी लगे थे. उस उपकरण को 6,200 मीटर की गहराई में रहस्यमय काले अंडे दिखे. इसे एक अभूतपूर्व खोज माना जा रहा है. डॉ. कानो उन अंडों को जांच के लिए अपने साथ लेकर चले आए.
समंदर की गहराई में मिले रहस्यमय काले अंडे, देखकर वैज्ञानिक भी रह गए हैरान
प्रशांत महासागर की गहराई में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खोज की है, जिसने न सिर्फ आम लोगों को बल्कि उन्हें भी आश्चर्य में डाल दिया. दरअसल, वैज्ञानिकों ने प्रशांत महासागर में 6,200 मीटर की गहराई में कुछ रहस्यमय काले अंडे मिले हैं, जो ब्लैक कलर के हैं. इन अंडों की जांच में एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है.
समंदर की गहराई में मिले रहस्यमय काले अंडे, देखकर वैज्ञानिक भी रह गए है
ब्रह्मांड के बारे में वैज्ञानिक भले ही बहुत कुछ जान चुके हैं, पर धरती पर ही ऐसी कई जगहें हैं, जिसके बारे में उन्हें सही से पता ही नहीं है. क्या आप जानते हैं कि समंदर की गहराई कितनी है? इसको लेकर वैज्ञानिकों ने सिर्फ अनुमान लगाया है कि समुद्र की गहराई 11 हजार से 12 हजार मीटर हो सकती है. वैज्ञानिकों का ये भी अनुमान है कि इस गहराई में ऐसे-ऐसे अजीबोगरीब जीव भी छिपे हो सकते हैं, जिन्हें इंसानों ने आजतक देखा ही न हो. ऐसी ही एक खोज आजकल काफी चर्चा में है, जिसने वैज्ञानिकों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है.
दरअसल, प्रशांत महासागर की गहराई में वैज्ञानिकों को कुछ रहस्यमय अंडे मिले हैं, जो एकदम जेट-ब्लैक हैं. Indy100 की रिपोर्ट के मुताबिक, टोक्यो विश्वविद्यालय के डॉ. यासुनोरी कानो ने कुरील-कामचटका ट्रेंच में एक रिमोट से चलने वाला उपकरण भेजा, जिसमें कैमरे भी लगे थे. उस उपकरण को 6,200 मीटर की गहराई में रहस्यमय काले अंडे दिखे. इसे एक अभूतपूर्व खोज माना जा रहा है. डॉ. कानो उन अंडों को जांच के लिए अपने साथ लेकर चले
क्या हैं ये रहस्यमय काले अंडे?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन रहस्यमय काले अंडों की जांच करते हुए होक्काइडो विश्वविद्यालय के डॉ. केइची काकुई ने शुरू में अनुमान लगाया कि वे प्रोटिस्ट हो सकते हैं, जो कि एककोशिकीय जीवों का एक परिवार है. हालांकि जब बारीकी से उसकी जांच की गई तो अंडों के भीतर दूधिया तरल पदार्थ का पता चला. डॉ. काकुई ने उन रहस्यमय काली गेंदों की पहचान फ्लैटवर्म (प्लैटिहेल्मिन्थ) के कोकून के रूप में की है. इस रहस्य ने वैज्ञानिकों को भी आश्चर्यचकित कर दिया.
डीएनए विश्लेषण से क्या पता चला?
वैज्ञानिकों ने बताया कि डीएनए विश्लेषण से संकेत मिलता है कि ये पृथ्वी पर ज्ञात सबसे गहराई में रहने वाले जीवित फ्लैटवर्म थे. अध्ययन से पता चला कि गहरे समुद्र के फ्लैटवर्म के विकास के जो पैटर्न हैं, वो उथले पानी के वातावरण से काफी मिलते जुलते हैं. इस अनोखी खोज से जुड़ी रिपोर्ट को बायोलॉजी लेटर्स जर्नल में प्रकाशित किया गया है.
स्रोत TV9 भारतवर्ष