• May 2, 2024 4:57 am

1955 की यह कार 1100 करोड़ रुपए में हुई नीलाम, क्या है इसमें खास जानें

ByADMIN

Mar 11, 2024

इससे पहले फेरारी 250 जीटीओ के नाम दुनिया की सबसे महंगी कार होने का रिकोर्ड दर्ज था. इसे 542 करोड़ रुपये में बेचा गया था. मर्सिडीज बेंज 300 एसएलआर की नीलामी 5 मई को जर्मनी के स्टटगार्ट में मर्सिडीज बेंज संग्रहालय में हुई.

world’s most expensive car: जब किसी कार कि कीमत की बात आती है तो अक्सर आप यहीं सोचते हैं मैक्सीम इसकी प्राइस 1 करोड़, 2 करोड़ या 10 करोड़ होगी, लेकिन जब आपसे कहा जाए कि दुनिया में एक ऐसी कार भी मौजूद है, जिसको नीलामी में 1100 करोड़ रुपए में सेल किया गया है तो निश्चित है आपको अपने कॉनों पर विश्वास न हो. अगर आपको इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा है तो हम आपको 1100 करोड़ रुपए में बिकने वाली दुनिया की सबसे महंगी कार के बारे में बहुत कुछ बता रहे हैं. जिसको जानकार आप विश्वास हो जाएगा कि कोई कार 1100 करोड़ रुपए की भी हो सकती है.

हम आपको जिस कार के बारे में बता रहे है, वो 1955 में बनी मर्सिडीज बेंज 300 एसएलआर कार है. ये कार अभी तक की दुनिया की सबसे महंगी कार है और इसे जर्मनी में 1100 करोड़ रुपए में नीलाम किया गया है. मर्सिडीज बेंज 300 एसएलआर एक स्पोर्ट्स कार है और इसे अमेरिकन बिजनेसमैन डेविड मैकनील ने खरीदा है.

इस नीलामी को सोथबी नीलामी घर द्वारा आयोजित किया गया था. इस कार को ‘मोनालिसा ऑफ कार्स कहा जाता है. कंपनी ने अब तक इस मॉडल की केवल 2 ही कारें बनाई हैं. इनमें 3.0 लीटर इंजन है और 180 किमी की टॉप स्पीड से चल सकती हैं. यह कार 12 कार रेस में से 9 जीत कर उस जमाने में रेसिंग कारों पर हावी रही थी.

इससे पहले ये कार थी सबसे महंगी

इससे पहले फेरारी 250 जीटीओ के नाम दुनिया की सबसे महंगी कार होने का रिकोर्ड दर्ज था. इसे 542 करोड़ रुपये में बेचा गया था. मर्सिडीज बेंज 300 एसएलआर की नीलामी 5 मई को जर्मनी के स्टटगार्ट में मर्सिडीज बेंज संग्रहालय में हुई. इस नीलामी ने फेरारी 250 GTO के नीलामी के रिकॉर्ड को तोड़ दिया.

जानिए, कब बनी थी ये कार ?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मर्सिडीज-बेंज 300 SLR के केवल दो मॉडल को कंपनी ने 1950 के दशक में बनाया था. इसके बाद मर्सिडीज ने 1955 में इस रेसिंग कार को बनाना बंद कर दिया था. मर्सिडीज की इन दो हाईटॉप वेरिएंट कार में तीन लीटर का इंजन है. जिसकी क्षमता 302 PS की है. इसका इंजन काफी मजबूत होता है. उस समय की कारों में यह सबसे तेज रफ्तार की कार थी.

चालक सहित 83 दर्शकों की हो गई थी मौत

इस रेसिंग कार को रेसिंग ट्रैक पर भी उतारा गया था. साल 1954 में इस कार ने रेस में कमाल कर दिया था. 12 रेसों में से 9 में जीत हासिल कर इस कार ने लोगों का ध्यान अपनी खींचा. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस रेसिंग कार को साल 1955 में जब ले मैन्स रेस में रेसिंग ट्रैक पर उतारा गया तो एक दुर्घटना में कार चालक सहित 83 दर्शकों की मौत हो गई थी. जिसके बाद इस कार को रेसिंग से अलग कर दिया गया है.

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