13 नवम्बर 2021 | नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने मेडिकल स्टडीज (यूजी स्ट्रीम) में बड़ा बदलाव किया है। अब फर्स्ट ईयर में सप्लीमेंट्री आने पर स्टूडेंट्स को सेकंड ईयर में प्रमोट नहीं किया जाएगा। अगर कोई छात्र फर्स्ट ईयर सप्लीमेंट्री में फेल होता है तो उसे दोबारा से पहले साल की पढ़ाई करनी होगी। पहले सप्लीमेंट्री आने पर सेकंड ईयर में प्रमोट कर दिया जाता था। एनएमसी ने अभी यह नियम फर्स्ट ईयर के लिए लागू किया है।
मेडिकल एजुकेशन से जुड़े एक्सपर्ट इस बदलाव के फायदे के साथ नुकसान भी बता रहे हैं। फायदा यह होगा कि नीट यूजी क्रैक करके आने वाले छात्र फर्स्ट ईयर की पढ़ाई को गंभीरता से लेंगे। वहीं, नुकसान यह होगा कि अगर कोई मेडिकल यूनिवर्सिटी सप्लीमेंट्री एग्जाम देरी से करवाती है और रिजल्ट आने में देरी होती है तो सेकंड ईयर की पढ़ाई का नुकसान होगा। सेकंड ईयर की क्लासेज पहले ही शुरू हो जाएंगी।
सेकंड से थर्ड ईयर में जा सकेंगे स्टूडेंट्स
मेडिकल एजुकेशन एक्टिविस्ट विवेक पांडे के अनुसार सेकंड ईयर व थर्ड ईयर में सप्लीमेंट्री आने पर छात्रों को प्रमोट किए जाने का नियम अभी जारी रहेगा। एनएमसी की वेबसाइट के मुताबिक प्राइवेट, सरकारी व अन्य संस्थानों को मिलाकर 555 मेडिकल कॉलेजों में 83,350 स्टूडेंट्स का इनटेक है। इस साल मेडिकल कॉलेजों की सीट मैट्रिक्स अभी जारी नहीं हुई है।
- यह फिल्टर लगाने से मेडिकल एजुकेशन की क्वालिटी अच्छी होगी। जो छात्र पहले ही साल में सप्लीमेंट्री तक पास नहीं कर पा रहा है, उसे सेकंड ईयर में प्रमोट करने का कोई लॉजिक नहीं है। -डॉ. सरमन सिंह, डायरेक्टर, एम्स भोपाल
Source :-“दैनिक भास्कर”