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बच्चे ही नहीं, पेरेंट्स भी डिजिटल बाल मेले में हो रहे हैं शामिल, अब छोटे बच्चे भी होंगे अवॉर्ड के भागीदार

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Dec 19, 2020
बच्चे ही नहीं, पेरेंट्स भी डिजिटल बाल मेले में हो रहे हैं शामिल, अब छोटे बच्चे भी होंगे अवॉर्ड के भागीदार

जयपुरः कोरोना के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए राज्यस्तर पर फ्यूचर सोसायटी और एलआईसी स्पोंसर्ड की ओर से राजस्थान में 14 नवंबर से जो ‘डिजिटल बाल मेला’ का आयोजन किया जा रहा है. देश में पहली बार आयोजित हो रहे डिजिटल बाल मेले में ना केवल बच्चे, बल्कि उनके पेरेंट्स भी रूचि दिखा रहे है. कई माता-पिता अपने छोटे-छोटे बच्चों के वीडियो बनाकर प्रतियोगिता में भेज रहे है.

अब छह साल से कम उम्र के बच्चे अवॉर्ड के भी होंगे हकदारः
जानकारी के अनुसार एलआईसी के सौजन्य से डिजिटल बाल मेला को आयोजित कर रही फ्यूचर सोसायटी ने तय किया है कि अब छह साल से कम उम्र के बच्चे ना केवल पार्टिसिपेट कर सकेंगे, बल्कि अवॉर्ड के भी हकदार होंगे. क्योंकि बड़ी संख्या में डिजिटल बाल मेला में छोटे बच्चों की भागीदारी बढ़ रही है. ऐसे में बाल मन का ध्यान रखते हुए फ्यूचर सोयायटी ने यह बड़ा फ़ैसला किया है.

माता-पिता ने सांझा की छोटे-छोटे बच्चों की फैंसी ड्रेस की फोटोजः
डिजिटल बाल मेले में बड़ी संख्या में छह साल से कम उम्र के बच्चों की एंट्री आई है. लेकिन, उनमें से कुछ बेहद खास है. इसमें मासूम बच्चों ने बिना कुछ बोले अपने हाव-भाव से ही सबका मन मोह लिया. गुवाहाटी की एक साल की स्वस्तिका शर्मा के पेरेंट्स ने भी फैंसी ड्रेस के लिए फोटो एंट्री शेयर की है. इसमें मासूम सी दिखने वाली स्वस्तिका ने लाल रंग की बेहद सुंदर ड्रेस पहनी है. जबकि महाराष्ट्र से तीन साल छह माह की प्रिशा सोलंकी ने मराठी तरीके से साड़ी पहनकार फोटो भेजी है. वहीं, चूरू जिले की तीन वर्षीय वान्या शर्मा ने भी फैंसी ड्रेस कॉम्पिटिशन के लिए फोटो भेजी है. इसी तरह भीलवाड़ा से भी दिव्यांशी सोनी ने डिजिटल बाल मेले के तहत कोरोना वॉरियर्स से जुड़ी एक फोटो शेयर की है. इस तरह छोटे-छोटे बच्चों के बाल मेले में भाग लेने से ये समझा जा सकता है कि बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता का भी उतना ही ज़बर्दस्त रुझान देखने को मिल रहा है.

महाराष्ट्र के पालघर से आई दो वर्षीय आईश्ये त्रिवचन सोढ़ी की तस्वीरेंः
कहा जाता है कि बच्चे भगवान का रूप होते है. बाल मेले के लिए छोटे बच्चों की फोटो देखकर आप सभी लोगों के चेहरे भी खिल जाएंगे. महाराष्ट्र के पालघर निवासी दो वर्षीय आईश्ये त्रिवचन सोढ़ी की चार फोटो आई है, जिसमें राधा-कृष्ण का प्रतिरूप भी दिखाई दे रहा है और उन्हें देखकर पहचानना मुश्किल है कि वो एक ही बच्चे की है. ऐसे में आप देखना चाहते है बच्चों की एंट्रीज तो डिजिटल बाल मेले के फेसबुक और ट्वीटर पर भी देख सकते है.

डिजिटल बाल मेला के सोशल मीडिया पेज की जानकारी के लिये आप नीचे दिये गये लिंक देख सकते हैंः-
https://mobile.twitter.com/DigitalBaalMela

https://www.facebook.com/digitalbaalmela/https://instagram.com/digitalbaalmela?igshid=fcsq802hctlxhttps://www.youtube.com/channel/UCd_OB8byEUCdWdE_JBujgDQ

डिजिटल बाल मेला का मकसद बच्चों को एक नया प्लेटफार्म उपलब्ध करानाः
गौरतलब है कि कोरोना काल में घर बैठे बच्चों की रचनात्मकता को बनाए रखने के मकसद से जयपुर की जान्हवी शर्मा ने डिजिटल बाल मेला की शुरुआत की. इसका मकसद था राजस्थान के बच्चों को एक नया प्लेटफार्म देना जहां वो अपने बोरडम को दूर कर सके. इस शुरुआत को नाम दिया गया डिजिटल बाल मेला इसलिए दिया गया ताकि बच्चे बाल मेला में डिजिटल माध्यम से शामिल हो सकें. डिजिटल बाल मेला की औपचारिक शुरुआत, 14 नवंबर को राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने की थी. राजस्थान के संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला ने इस डिजिटल बाल मेला की वेबसाइट की लॉन्चिंग की.

बच्चे घर से ही अपने वीडियो बनाकर ले सकते हैं प्रतियोगिताओं में भागः
इस बाल मेला में शामिल होने के लिए बच्चों को घर से बाहर नहीं जाना है. अपने-अपने घरों में रहते हुए ही अपने मनपसंद कामों को करना है. हर बच्चे की अलग प्रतिभा होती है. कोरोना की वजह से बच्चे अपने अपने घरों तक सीमित होकर रह गए हैं. सांस्कृतिक और शैक्षिक गतिविधियां लगभग पूरी तरह बंद हो गई है. बच्चे दोस्तों से मिलने में भी असमर्थ है. ऐसे में डिजिटल बाल मेला की टीम बच्चों के उन छोटे छोटे कामों दुनिया का सामने ला रही है जो वो घर में रहकर कर सकते हैं. डिजिटल बाल मेला के सोशल मीडिया एकाउंट्स पर उनके वीडियो साझा किए जा रहे हैं ताकि छोटे-छोटे बच्चों को प्रोत्साहित किया जा सके.

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