Jaipur: राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने हालिया बजट प्रावधानों को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. इसमें सबसे अहम कृषि से जुड़ी योजनाएं है. राजस्थान सरकार के कृषि विभाग ने मंडी शुल्क, कृषक कल्याण शुल्क और आढ़त से जुड़े प्रावधानों को लागू कर दिया है.
फल सब्जी कारोबारी आढ़त कम करने के विरोध में है. उनका कहना है कि कृषि जिंसों के मुकाबले फल सब्जी में खराबे की मात्रा अधिक रहती है, ऐसे में 23 वर्षों से समान दर पर बनी हुई आढ़त में 1 प्रतिशत की कमी का प्रस्ताव वापस लिया जाए. इसके लिए फल सब्जी मंडी कारोबारी मंत्रियों और विधायकों को मांग पत्र सौंप कर वापसी का दबाव बढ़ाने की तैयारी में है.
फल-सब्ज़ी पर आढ़त कम करने का विरोध
- बजट में आढ़त 6 फीसदी से घटाकर 5 प्रतिशत की गई
- मुहाना मंडी के कारोबारी कर रहे सरकार से मांग
- मंत्रियों और विधायकों को मांग पत्र सौंप कर उठाई जा रही मांग
- फल और सब्जी पर लगी आढ़त को किया जाए पुरानी दर पर
- मंडी शुल्क, कृषक कल्याण शुल्क और आढ़त से जुड़े प्रस्ताव है बजट में
- 1 मार्च 2021 से लेकर 31 मार्च 2022 तक प्रभावी रहेंगे कटौती प्रस्ताव
फल सब्जी कारोबारी कर रहे आढ़त में इजाफे का विरोध
राजस्थान की फल मंडियों में आढ़त में इजाफे का विरोध बढ़ रहा है. प्रदेश सरकार ने कृषि कल्याण शुल्क, मंडी शुल्क और आढ़त में 1 से डेढ़ रुपये प्रति किलो की कमी की है, इसका विरोध फल सब्जी कारोबारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि 23 साल से लागू आढ़त में बदलाव से कारोबार को नुकसान होगा, कृषि जिसों के मुकाबले सब्जी और फल में खराबा अधिक है. आढ़त कम करने का लाभ किसान और उपभोक्ता को इतना अधिक नहीं होगा. फल सब्जी थोक विक्रेता संघ मुहाना मंडी अध्यक्ष राहुल तंवर का कहना है कि हमारी मांग आढ़त बढ़ाने की थी, क्योंकि महंगाई दर बढ़ रही उससे लागत निकालना मुश्किल है. सब्जी में खराब औसत 20 प्रतिश्ता है इसकी मार भी कारोबारी पर ही होती है, ऐसे में आढ़त पुरानी दर पर की जानी चाहिए.
इन चीजों पर भी घटाया गया मंडी शुल्क
राजस्थान बजट में मुख्यमंत्री अशोक ने कृषि सेक्टर को लेकर कई अहम घोषणाएं की है. बजट में कृषि जिंसों जौ, उड़द और मूंग पर मंडी शुल्क 1.60 प्रतिशत से घटाकर 1 फीसदी किया गया है. तिलहन पर मंडी शुल्क 1 प्रतिशत से घटाकर 0.75 फीसदी किया गया है. बजट घोषणा के तहत मंडी शुल्क, कृषक कल्याण शुल्क और आढ़त से जुड़ी राहतें 1 मार्च 2021 से लेकर 31 मार्च 2022 तक प्रभावी रहेंगी. कृषि जिसों के साथ ही गुड, चीनी, इमारती लकड़ी और देशी घी पर मंडी शुल्क 1.60 प्रतिशत से घटाकर 1 फीसदी किया गया है. कृषक कल्याण शुल्क में भी राजस्थान सरकार ने बजट में कमी की गई है. तिलहन, गुड, चीनी, इमारती लकड़ी, देशी घी सहित कृषि जिसों जौ, उड़द और मूंग पर कृषक कल्याण शुल्क 1 प्रतिशत से घटाकर 0.50 फीसदी किया गया है. इसके अलावा फल और सब्जी पर भी कृषक कल्याण शुल्क 2 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत किया गया है.
बजट में आढ़त में भी राहत की दी गई है. तिलहन, गुड, चीनी, इमारती लकड़ी, देशी घी सहित कृषि जिसों जौ, उड़द और मूंग पर आढ़त 2.25 प्रतिशत से घटाकर 1.75 फीसदी किया गया है. इसमें 0.50 प्रतिशत की कमी की गई है. फल सब्जी पर आढ़त में 1 फीसदी की रियायत बजट में दी गई है. अब फल सब्जी पर आढ़त 6 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की गई है. कृषि विभाग ने भीइसके आदेश जारी कर मंडियों में 1 मार्च 2021 से नए प्रस्तावों को लागू कर दिया है. मंडी कारोबारियों का कहना है कि अगर फल सब्जी पर आढ़त पुरानी दर पर नहीं की गई तो विरोध तेज होगा.