मंडी में मटर सीजन ने रफ्तार पकड़ ली है। किसानों का मटर खेतों में ही हाथों हाथ बिक रहा है। कोरोना काल में जम्मू, दिल्ली और पंजाब के कारोबारी खेतों में पहुंच रहे हैं। किसानों को घर बैठे 40 से 45 रुपये प्रतिकिलो मटर के दाम मिल रहे हैं। इससे किसानों के चेहरे चहके गए हैं। कम उत्पादन के बावजूद नाचन, सराज और मंडी में हरे मटर के सीजन ने रफ्तार पकड़ ली है।
इधर, चैलचौक सब्जी मंडी से पड़ोसी राज्यों की मंडियों में रोजाना 30 जीपें मटर निर्यात किया जा रहा है। स्थानीय व्यापारी भी खेतों में जाकर किसानों का मटर खरीद रहे हैं। वहीं कई किसान सब्जीमंडी पहुंचकर अपना मटर व्यापारियों को बेच रहे हैं। नाचन और सिराज घाटी में चैलचौक, मोवीसेरी, गोहर, छपराहण, बासा, ज्युणी वैली, स्यांज, सलाहर, धरोट, बस्सी, किलिंग, बाढू और आसपास के क्षेत्रों में किसानों ने मटर की बिजाई की है। आजकल मटर की फसल तैयार हो गई है।
किसानों में चमन ठाकुर, घनश्याम, अक्षित, नारायण दास, मुरारी लाल, प्रवीण कुमार, हितेश, बलबीर, योगेश कुमार, डोले राम, लीला प्रकाश और जीत कुमार ने बताया कि उन्हें मटर के 50 रुपये प्रतिकिलो तक दाम मिल रहे हैं। उनका मटर खेतों में ही बिक रहा है। व्यापारी मनोज ठाकुर, सोहन सिंह, महेंद्र सिंह और हंस राज ने बताया कि क्षेत्र का मटर जम्मू, दिल्ली और पंजाब जा रहा है। कृषि प्रसार अधिकारी डीपाल कृष्ण ने बताया कि इस बार मटर की गुणवत्ता भी काफी अच्छी है।