हमीरपुर। जनपद में मौसम का गर्म मिजाज से फसलों में खतरा मंडरा गया है। मटर के पौधों में वृद्धि भी रुक गयी है और अभी से फूल आने से किसानों की चिंतायें बढ़ गयी है। सर्दी के मौसम में सामान्य तापमान से अधिक होने के कारण फसलों के उत्पादन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पडऩे की आशंकायें बढ़ गयी है।
जिले में बड़े पैमाने पर रबी की फसल में किसानों ने दलहन की फसलें बोयी है। इसमें करीब अस्सी फीसद क्षेत्रफल में मटर की फसल है। पिछले अक्टूबर माह में अंतिम बारिश अच्छी न होने से खेतों में नमी भी नहीं रह गयी है। फसलों की उचित वृद्धि के लिये इस समय तापमान का कम होना अति आवश्यक है। लेकिन चालू माह में भी फरवरी मार्च जैसा मौसम होने से फसलों में वृद्धि रुक गयी है। ऐसे में रौनक नहीं दिखने से किसान उत्पादन को लेकर चिंता में पड़ गया है।
गोहांड कस्बे के किसान दया भाई ने बताया कि 10 एकड़ में मटर बोया गया है जिस पर दो बार सिंचाई की गयी है मगर मौसम के बदले तेवर से पौधों में समुचित वृद्धि नहीं हो रही है। इससे उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
ठंड न पड़ने से मटर के पौधों की बिगड़ रही सेहत
ज्ञान सिंह ने बताया कि इस वर्ष किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तो बारिश का औसत से कम होना और दूसरी दिसम्बर में सर्दी का नहीं पड़ना। दिसम्बर माह में फरवरी मार्च जैसा मौसम महसूस हो रहा है। लिहाजा इन प्राकृतिक आपदाओं से उत्पादन में भारी गिरावट होने का अनुमान है। किसान फूल सिंह लोधी ने बताया कि सर्दी का मौसम है लेकिन तापमान सामान्य से अधिक होने से पौधों में वृद्धि नहीं हो रही है। पांच एकड़ में बोयी गयी मटर की फसल को सिंचाई और खाद दी गयी लेकिन इसमें अभी से फूल आ गये है जिससे अबकी बार ये फसल कमजोर होगी।
जिला कृषि अधिकारी सरस कुमार तिवारी ने शुक्रवार को बताया कि फसलों की बढ़वार के लिये किसान फसलों में हल्की बरसात कर सकते है। मौैसम में बदलाव की संभावना है। बादल छायें है और बरसात भी हो सकती है।