अगस्त 10 2023 ! रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने पॉलिसी रेट में लगातार तीसरी बार कोई बदलाव नहीं किया है. मौजूदा समय में आरबीआई के रेपो रेट 6.50 फीसदी पर ही रहेंगे. इससे पहले आरबीआई ने अप्रैल और जून के पॉलिसी साइकिल में भी ब्याज दरों को पॉज ही रखा था. रेपो रेट में आखिरी बार फरवरी 2023 में बदलाव देखने को मिला था. उस समय आरबीआई ने 0.25 फीसदी का इजाफा किया था. आरबीआई ने मई 2022 से फरवरी 2023 तक ब्याज दरों में 2.50 फीसदी का इजाफा कर दिया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह देखकर खुशी हो रही है कि इंडियन इकोनॉमी उचित गति से आगे बढ़ रही है. भारत के मजबूत बुनियादी सिद्धांतों ने सतत विकास की नींव रखी है. भारत दुनिया के लिए नया ग्रोथ इंजन बन सकता है.
उन्होंने कहा कि एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 फीसदी के साथ कोई बदलाव नहीं किया है. वहीं स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया है. एमएसएफआर को भी 6.75 फीसदी के साथ बरकरार रखा गया है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि एमपीसी महंगाई को 4 फीसदी को बनाए रखने के लिए आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी को लगातार कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. कई अर्थव्यवस्थाओं ने लचीलेपन का प्रदर्शन किया है.
वहीं दूसरी ओर आरबीआई ने अपने जीडीपी अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है. वित्त वर्ष 2023—24 के जीडीपी अनुमान को 6.5 फीसदी पर ही रखा है. जबकि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही का अनुमान 8 फीसदी, जुलाई से सितंबर तिमाही में 6.5 फीसदी, अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में 6 फीसदी और जनवरी से मार्च तिमाही में जीडीपी अनुमान 5.7 फीसदी रखा है. जबकि अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी अनुमान 6.6 फीसदी कर दिया गया है.
आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष के महंगाई के अनुमान को बढ़ा दिया है. आंकड़ों के अनुसार आरबीआई ने अपने पिछले अनुमान 5.1 फीसदी से बढ़ाकर 5.4 फीसदी कर दिया है. वहीं दूसरी ओर जुलाई-सितंबर 2023 के लिए सीपीआई महंगाई का अनुमान 5.2 फीसदी से बढ़ाकर 6.2 फीसदी कर दिया गया है. अक्टूबर-दिसंबर 2023 के लिए सीपीआई महंगाई के अनुमान 5.4 फीसदी से बढ़ाकर 5.7 फीसदी कर दिया गया है. जनवरी-मार्च 2024 के लिए सीपीआई महंगाई का अनुमान में कोई बदलाव ना करते हुए 5.2 फीसदी ही रखा गया है. वहीं अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई के अनुमान को 5.2 फीसदी पर रखा गया है.
वास्तव में देश में महंगाई आरबीआई के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन रही है. कई पोल और अनुमानों के अनुसार जुलाई के महीने में रिटेल महंगाई 6.5 फीसदी से लेकर 6.70 फीसदी तक आ सकती है. मई के महीने में रिटेल महंगाई 4.25 फीसदी थी और जून के महीने में यह बढ़कर 4.80 फीसदी पर आ गई थी, जोकि इस साल का हाई भी बताया गया था. ऐसे में आरबीआई के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि आने वाले महीनों के लिए आरबीआई महंगाई के किस तरह के अनुमानित आंकड़ें सामने रखेगा, क्योंकि रिजर्व बैंक ने जो पिछले आंकड़ें पेश किए थे वो पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं.
जून के महीने में कम बारिश और उसके बाद देश के कहीं ज्यादा और कहीं काफी कम बरसात होने से देश में सब्जियों की कीमतों में इजाफा देखने को मिला. खासकर टमाटर की कीमतों ने आम लोगों की जेब पर सबसे ज्यादा डाला है. यही वजह है कि जुलाई में रिटेल इंफ्लेशन का अनुमान काफी ज्यादा लगाया जा रहा है. टमाटर के दाम 300 रुपये और अदरक की कीमतें 400 रुपये से ज्यादा देखने को मिली है. जिनके अक्टूबर तक इसी तरह के दाम रहने का अनुमान लगाया जा रहा है. जानकारों की मानें तो बाकी सब्जियों की कीमतों में भी असमान बारिश का असर साफ देखने को मिल रहा है.
सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष “