भिलाई। छत्तीसगढ़ के लिए रविवार की सुबह खास बनकर आई। बेमेतरा जिले के गिधवा, परसदा और नगधा गांव में बच्चों से लेकर बुजुर्गों के चेहरों पर उत्साह दिखा। हर कोई खुशी में डूबा था। मौका था प्रदेश के पहले पक्षी महोत्सव के आयोजन का। तीन दिवसीय महोत्सव की शुरुआत हुई तो ऐसा लगा कि पक्षियों ने भी पंखों को फै लाकर सभी का स्वागत किया। अपनी तरह के विशिष्ट आयोजन ने एक नई दिशा दिखा दी।
प्रदेश के पहले पक्षी महोत्सव का आगाज करते हुए मुख्य अतिथि राकेश चतुर्वेदी ने कहा की हम अनादि काल से प्रकृति पशु और पक्षियों की पूजा करते आए हैं, ये महोत्सव अभिनव प्रयास है, हमारे प्रवासी पक्षियों को सम्मान देने और उनकी संरक्षण करने का।
इस पक्षियों को यहां का परिवेश और यहां के लोगों के प्रेम भाता है, यही वजह है कि ये हर साल यहां आते हैं उन्होंने सलीम अली इस्टीट्यूट से बात करके इस पूरे जगह की सर्वे कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सात ऐसे अन्य जगह हैं जहाँ प्रवासी पक्षी हजारों किमी का सफर तय कर अपनी सर्दियां बिताते हैं उन सभी जगहों पर इस तरह के आयोजन किए जाएंगे। अतिथियों ने ग्राम वासियों के पक्षियों बीके प्रति प्रेम और लगाव को सराहा और क्षेत्र को कम्युनिटी रिसार्ट की तरह डेवलपमेंट करने की बात कही।
घमशील गनवीर डीएफओ ने स्वागत भाषण में कहा कि गिधवा परसदा के जलमय भूमि के साथ साथ और भी 7 से 8 बांध है इसमें आने वाले प्रवासी पक्षी के संरक्षण के लिए इस पक्षी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।जिसमें जनसहभागिता से इस जगह को विकसित करना ही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
कार्यक्रम को कलेक्टर बेमेतरा,सचिव प्रेमकुमार अरुण पांडेय मुख्य वन संरक्षक शालिनी रैना संजीता गुप्ता ने संबोधित कर इस अनोखे आयोजन की बधाई और शुभकामनाएं दी।
रंगोली बना कर ग्रामीणों ने किया मेहमानों का स्वागत
गिधवा परसदा पक्षी महोत्सव के पहले दिन ग्राम गिधवा और परसदा के ग्रामीणों ने अपने घरों के सामने रंगोली सजाकर मेहमानों के स्वागत किया।अतिथियों ने रंगोली का अवलोकन भी किया।
चीन, मंगोलिया, यूरोप, रसिया के आते हैं प्रवासी पक्षी..
गिधवा परसदा के बांध में प्रवासी पक्षियों का आगमन दिसम्बर में ही हो जाता है,यहाँ की आद्र भूमि और यहां का खाना प्रवासी पक्षियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां स्थानीय पक्षी लेसर विस्लिंग डक कॉमन कूट ब्लैक हेडेड आइबिस ओपेन बिल स्टोर्क बड़ी संख्या में हैं। वही सेन्ट्रल एशियन इंडियन फ्लाईवे से प्रवास करने वाले चीन मंगोलिया यूरोप रसिया सहित अन्य देशों से आने वाले प्रवासी पक्षियों की कई प्रजाति गिधवा परसदा में सर्दियां बिताने आती है इनमें
कॉमन पोचार्ड – ये पक्षी यूरोप से यूरोप से आते हैं, हालांकि यहां ब्रीडिंग नही करते पर सर्दियां यही बिताते हैं।
नॉर्थनपिनटेल-यूरोप से लेकर अफ्रीका तक जाते हैं, कुछ समय यहां की भूमि में गुजारते हैं।यहाँ इनकी संख्या हजारों में है।
फेरेजुनस पोचार्ट- ये प्रजाति वैश्विक स्तर पर ये खतरे में हैं ये प्रजाति बहुत कम हो रही है।इन यूरोपीय बर्ड का यहाँ आना हमारी जमीन के लिए महत्वपूर्ण है,और ये दर्शाता है कि हमारी जमीन और खाना बहुत संतुलित है।