उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं से युक्त 353 करोड़ की लागत से बनने वाले एयरपोर्ट का पहले चरण का कार्य पूरा होने को है। दिसंबर तक इसपर काम पूरा हो जाएगा। वहीं, मार्च में दूसरे चरण का कार्य शुरू होगा। अक्टूबर 2021 तक देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाने वाले इस एयरपोर्ट का निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना है।
देवभूमि उत्तराखंड के देहरादून जौलीग्रांट स्थित एयरपोर्ट पर इन दिनों उत्तराखंड की संस्कृति की झलक को दर्शाते हुए अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं से युक्त 353 करोड रुपए की लागत से नए टर्मिनल भवन का निर्माण कार्य चल रहा है।
इस प्रोजेक्ट के तहत 42,776 स्क्वायर मीटर के एरिया में बन रहे नए टर्मिनल भवन में एक तल, ग्राउंड फ्लोर पर चेक इन एरिया, सुरक्षा पकड़ और आगमन लाउंज होगा। यह मेजेनाइन फ्लोर पर कई कार्यालाय भी बनाए जाएंगे। खास बात ये भी है कि इस नए भवन में उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत की झलक देखने को मिलेगी।
यात्री क्षमता को आठ गुना बढ़ाया जाएगा
वहीं, यहां यात्रियों की सुविधा में इजाफा करने के साथ ही यात्री क्षमता को आठ गुना बढ़ाया जाएगा। यानी एकबार में यहां 1800 यात्री मौजूद रह सकते हैं। बताया जा रहा है कि पहले चरण का लगभग 80 प्रतिशत काम अबतक पूरा हो गया है और अगले महीने तक इसे पूरा कर लिया जाएगा।
पहले चरण में हो रहे ये काम
दून हवाई अड्डे के अपग्रेशन के पहले चरण में एक डोमेस्टिक टर्मिनल का निर्माण हो रहा है। इसमें खास बात ये है कि यहां रेन वॉटर हार्वेस्टिंग यानी वर्षा जल संचयन पर भी फोकस किया जाएगा। इसके अलावा नए भवन में यूटिलिटी ब्लॉक, कार पार्किंग, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, सौर ऊर्जा प्रणाली भी शामिल हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक नए टर्मिनल में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। यहां 36 नए चेक इन काउंटर और चार एयरोब्रिज बनेंगे। इसके साथ ही सेल्फ चेक इन कियोस्क और इन-लॉइन बैगेज स्क्रीनिंग की सुविधा भी मिलेगी।
झलकेगी उत्तराखंड की संस्कृति
दून एयरपोर्ट के इस नए भवन को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा, कि यहां आने वाले यात्रियों और अन्य लोगों को उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत की झलक देखने को मिल सके। यहां जो कॉलम बनेंगे वो उत्तराखंड के राज्य पुष्प ब्रह्मकमल से प्रेरित हैं।