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गेहूं के लिए मौसम अनुकूल, बढ़ेगी शरबती की चमक

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Dec 5, 2020
गेहूं के लिए मौसम अनुकूल, बढ़ेगी शरबती की चमक

सीहोर। जिले की पहचान शरबती गेहूं की चमक इस बार भी सोने की तरह होगी। सीहोर के शरबती की पहचान ही वही है। प्रदेश और देश में कई जगह शरबती की पैदावार होती है, लेकिन सीहोर के शरबती की पहचान ही उसकी सोने जैसी चमक है। जिसको लेकर कई बड़ी कंपनीयां विज्ञापन भी करती हैं। विज्ञापन में बताया जाता है कि आटा सीहोर के शरबती गेहूं से बनाया गया है। जिले को देश भर में अच्छी गुणवत्ता के शरबती गेहूं के कारण जाना जाता है। जिले की मिट्टी और जलवायु के कारण ही शरबती का विशेष स्वाद और चमक गेहूं को मिलती है। इस बार बारिश ज्यादा होने से जिले में रबी की फसल का रकबा बढ़ा है, जिससे गेहूं का रकबा भी बढ़ा है। रकबा बढ़ने के साथ ही शरबती को भरपूर पानी और ठंड मिलेगी। जिससे गेहूं की चमक और आकार बढ़ेगा। जिससे किसानों को अधिक मुनाफा होगा। कृषि उपसंचालक एसएस राजपूत ने बताया कि पहले रबी का रकबा करीब 3 लाख 50 हजार हेक्टेयर था। बीते वर्ष 3 लाख 90 हजार हेक्टेयर में बोवनी की गई थी। इस बाद चार लाख हेक्टेयर से ज्यादा रकबे पर बोवनी की गई है। जिसमें गेहूं का रकबा 3 लाख हेक्टेयर से ज्यादा रहेगा। वहीं शरबती के रकबे में भी बढ़ोतरी होगी। साथ ही पानी भरपूर मिलने से शरबती की चमक भी बढ़ेगी। शरबती की पैदावार गेहूं की अन्य किस्मों के मुकाबले कम होती है, इसलिए लोग कम रकबे पर शरबती की बोवनी करते हैं। लेकिन इस बार कम नमी वाली जमीन जहां चने की बोवनी की जाती थी, वहां शरबती की बोवनी की जाएगी।

  • शरबती के लिए अच्छा मौसम

शीतलहर और पाले से टमाटर, मिर्च, बैंगन आदि सब्जियों के साथ मटर, चना, अलसी, सरसों, धनियां की फसल में 80 से 90 फीसद तक नुकसान होता है। अरहर में 70 फीसद, गन्नो में 50 फीसद और गेहूं व जौ में 10 से 20 फीसद तक नुकसान होता है। वहीं बारिश कम होने पर चना, मटर, अलसी की उपज अच्छी होती है। हालांकि इन फसलों की अच्छी पैदावार के लिए ठंड पड़ना भी जरूरी है, लेकिन तेज ठंड से नुकसान भी होता है। इस बार कड़ाके की ठंड के अनुमान लगाए जा रहे हैं। साथ ही सिंचाई के लिए पानी भी भरपूर है। जिससे जिले में चने का रकबा कम होगा और गेहूं के रकबे में इजाफा होगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार चने का रकबा बीते सालों के मुकाबले आधा ही रह जाएगा।

  • आंकड़ों पर एक नजर

कृषि विभाग ने जिले में इस बार रबी की फसल के लिए लक्ष्‌य 3 लाख 90 हजार हेक्टेयर निर्धारित किया था। जबकि अब तक बोवनी चाल लाख हेक्टेयर पर की गई है। जिसमें से यदि 30 प्रतिशत पर भी शरबती की बोवनी हुई है तो करीब एक लाख हेक्टेयर रकबे पर गेहूं की बोवनी हुई है। इस रकबे पर करीब 20 लाख क्विंटल पैदावार होगी।

  • कहां-कहां जाता है सीहोर का शरबती

सीहोर से शरबती का गेहूं का निर्यात तमिलनाडु, गुजरात, चेन्नाई, मुंबई आदि प्रदेशों के लिए कि या जाता है। कई बहुराष्ट्रीय कंपनी तो सीहोर में आकर खुद शरबती गेहूं की खरीदी करती है। आईटीसी ने सोया चौपाल सेंटर पर शरबती गेहूं खरीदने के लिए सीधे काउंटर बनाया है। मंडी से अधिक भाव पर कई किसान कंपनी के तय मानकों को पूरा कर आईटीसी के सेंटर पर अपना गेहूं बेच रहे हैं।

  • मिट्टी में नमी और ठंड पड़ने से बढ़ेगी पैदावार

इस बार अच्छी बारिश होने के कारण मिट्टी में लंबे समय तक नमी रहेगी। जहां पानी कम हैं वहां कि सान शरबती को बोवनी करते हैं। इस कारण शरबती का रकबा बढ़ेगा। साथ ही नमी और ठंड के कारण शरबती पैदावार के साथ क्वालिटी अच्छी होगी।

डॉ. उपेश कु मार पटेल, कृषि वैज्ञानिक

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