• May 1, 2024 8:13 am

मानव-पशु प्रेम की अनोखी मिसाल कुकुरदेव मंदिर में की पूजा-अर्चना

19  सितंबर 2022 |  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत सोमवार को बालोद जिले के डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र पहुंचे। सीएम भूपेश बघेल ने बालोद जिले में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरुआत खपरी स्थित कुकुरदेव मन्दिर में पूजा-अर्चना से की। कुकुरदेव मंदिर मानव और पशु प्रेम की अनोखी मिसाल पेश करता है।

यहां एक ऐसे स्वामी भक्त कुत्ते की समाधि है, जो लोकमान्यता के अनुसार अपने मालिक के प्रति आखिरी सांस तक वफादार रहा। मुख्यमंत्री ने कुकुरदेव मन्दिर में पूजा कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने मंदिर में रुद्राक्ष के पौधे का रोपण भी किया। उन्होंने मंदिर के पुजारियों को वस्त्र प्रदान किए।

कुकुर देव मंदिर इसलिए है पूजनीय

मनुष्य के गुण उसे देवता बना देते हैं, लेकिन कुकुर देव मंदिर की खासियत है कि यहां दैवीय गुणों ने एक पशु को भी पूजनीय बना दिया। आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर्तव्यपरायणता का प्रतीक बन चुके बेजुबान जानवर की स्मृति में यहां सिर झुकाया।

लोक मान्यताओं के अनुसार, खपरी कभी बंजारों की एक बस्ती थी। यहां एक बंजारे के पास स्वामी भक्त कुत्ता था। बाद में इस क्षेत्र में एक भीषण अकाल पड़ा, जिस वजह से बंजारे को अपना कुत्ता एक मालगुजार को गिरवी रखना पड़ा। मालगुजार के घर एक दिन चोरी हुई और स्वामी भक्त कुत्ता चोरों द्वारा छिपाए धन के स्थान को पहचान कर अपने मालिक को उसी जगह तक ले गया। मालगुजार कुत्ते की वफादारी से प्रभावित हुआ। उसने कुत्ते के गले में उसकी वफादारी की घटना एक पत्र के रूप में बांधकर कुत्ते को मुक्त कर दिया। गले में पत्र बांधे यह कुत्ता जब अपने पुराने मालिक बंजारे के पास पहुंचा, तो उसने यह समझकर कि कुत्ता मालगुजार को छोड़कर यहां वापस आ गया है, गुस्से में उस पर प्रहार किया। जिससे कुत्ते की मौत हो गई।

बाद में बंजारे को पत्र देखकर कुत्ते की स्वामी भक्ति और कर्तव्य परायणता का एहसास हुआ और उसकी स्मृति में कुकुर देव मंदिर स्थल पर उसकी समाधि बनाई। फणी नागवंशीय राजाओं द्वारा 14वीं-15वीं शताब्दी में यहां मंदिर का निर्माण करवाया गया।

छत्तीसगढ़ में पशुधन संरक्षण आर्थिक मॉडल के रूप में अपनाया गया

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और लोक परंपराओं की विरासतों के संरक्षण के प्रति सजग हैं, इसलिए पशुधन संरक्षण को छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जोड़ा गया है। गोधन न्याय योजना, गोबर खरीदी और गोमूत्र खरीदी जैसी योजनाएं पशुओं के संरक्षण में महत्वपूर्ण साबित हो रही है। छत्तीसगढ़ ही एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पशुधन संरक्षण को एक आर्थिक मॉडल के रूप में अपनाया गया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आत्मानंद स्कूल के बच्चों से भी की मुलाकात

सीएम भूपेश बघेल ने ग्राम मालीधोरी में जनचौपाल लगाकर लोगों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान स्वामी आत्मानंद विद्यालय बालोद के छात्र-छात्राओं से भी मुलाकात की। यहां आए बच्चों ने उच्चस्तरीय इंग्लिश मीडियम शिक्षा के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आत्मानंद स्कूल के बच्चों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सवाल छत्तीसगढ़ी भाषा में पूछेंगे और आप मुझे अंग्रेजी में जवाब देंगे। एक छात्र पार्थ शर्मा ने सुविधाओं से जुड़े सवाल पर कहा कि उनके स्कूल में वे सारी सुविधाएं हैं, जो एक अच्छे प्राइवेट स्कूल में होती हैं।

गौठान कक्ष के लिए तुरंत स्वीकृति

भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने परसाडीह में गौठान कक्ष की मांग करने पर तुरंत इसकी स्वीकृति दे दी। मालीघोरी के मोहम्मद आसिफ ने बताया कि उन्हें भूमिहीन न्याय योजना का लाभ मिला है। सीएम ने देवगुड़ी के बारे में गांववालों से जानकारी ली, तो एक ग्रामीण निरंजन ने बताया कि वे बैगा जनजाति से हैं। उनके गांव में देवगुड़ी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आपको भी राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का लाभ मिलेगा। एक वर्ष में 7 हजार रुपए की राशि भी योजना में मिलेगी।

राजीव मितान क्लब करे योजनाओं का प्रचार-प्रसार

मुख्यमंत्री ने भेंट-मुलाकात में राजीव मितान क्लब के बारे में पूछा। युवाओं ने बताया कि अभी 1 लाख रुपए अकाउंट में आएगा, जिससे खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम करेंगे। मुख्यमंत्री ने युवाओं से शासकीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने की भी अपील की। डौंडी के स्टूडेंट की ओर से राशि देवांगन ने कहा कि हम लोग यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं, एक अच्छी लाइब्रेरी होगी, तो बढ़िया माहौल बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाइब्रेरी की मांग पूरी होगी।

अधिकारियों को समझाने में लगा वक्त- सीएम

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ में जो अधिकारी हैं, उनमें से कोई उत्तर प्रदेश से है, कोई कोई बिहार से, कोई राजस्थान से तो कोई किसी अन्य राज्य से, ऐसे में जब हमने नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी प्रोजेक्ट शुरू किया था, तो उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। उन्होंने कहा कि उस समय मुझे अधिकारियों को समझाने में काफी मेहनत करनी पड़ी थी। वे हमारी योजना तोको NGGB नाम से पुकारते थे।

आम जनता की मांग पर कई घोषणाएं

  • 1. ग्राम मालीघोरी में पशु चिकित्सालय खोला जाएगा।
  • 2. कुकुरदेव मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया जाएगा।
  • 3. डौंडीलोहारा शासकीय महाविद्यालय में कृषि संकाय प्रारंभ किया जाएगा।
  • 4. ग्राम रेंगाडबरी, रानाखुज्जी, मंगचुआ और बनगांव में मंगल भवन बनवाएंगे।
  • 5. शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बड़ा जुंगेरा को हाईस्कूल में तब्दील करेंगे।
  • 6. ग्राम किल्लेकोड़ा एवं ग्राम कोबा के हाई स्कूल को हायर सेकेंडरी में बदला जाएगा।
  • 7. ग्राम कोटेरा के हायर सेकेंडरी और ग्राम कमकापार के हाईस्कूल के लिए नया भवन बनाया
  • जाएगा।
  • 8. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डौंडीलोहारा को 50 बिस्तर वाला अस्पताल बनाएंगे।
  • 9. ग्राम हितापठार में उप स्वास्थ्य केंद्र खोला जाएगा।
  • 10.आईटीआई डौंडीलोहारा का नामकरण स्व. श्री झुमुकलाल भेड़िया जी के नाम पर किया जाएगा।
  • 11. मोहड़ जलाशय में डुबान क्षेत्र में आए हितग्राहियों के प्रकरण का निराकरण करवाकर मुआवजा दिलवाया जाएगा।
  • 12. ग्राम भरनाभाठ में स्टॉप डैम का निर्माण करवाकर सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।

अविभाजित दुर्ग जिले का हिस्सा, मिल रहे संगी-साथी

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनके बालोद दौरे के दौरान उन्हें अपने पुराने संगी-साथी मिल रहे हैं। चूंकि पहले बालोद दुर्ग जिले का हिस्सा था और ये हमारा भी जिला हुआ करता था। उन्होंने कहा कि वे एक समय में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं, तो जान-पहचान के पुराने लोग मिल रहे हैं। इससे उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है।

Source:-“दैनिक भास्कर”       

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