• April 26, 2024 8:32 am

लाकडाउन से नहीं बिक पा रही सब्जियां

ByPrompt Times

May 20, 2021

नगरी। l 20-मई-2021 l लाकडाउन के कारण किसानों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालत ये हो गई है कि किसानों को अपनी उत्पादित सब्जी फसल को मवेशियों को खिलानी पड़ रही है। किसानों का कहना है कि लाकडाउन के कारण सिर्फ एक फसल में ही उन्हें चार से पांच लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण मद्देनजर जिले में लाकडाउन लगाया गया है। लाकडाउन के कारण स्थानीय स्तर पर अधिकतर बाजारों को या तो बंद कर दिया गया है या समय में कटौती कर दी गई है। इसका सीधा असर सब्जी उत्पादकों पर पड़ रहा है। सब्जियां नहीं बिकने के कारण किसान अब अपनी सब्जियों को मवेशियों को खिलाने पर मजबूर हो गए हैं।

गोभी की फसल मवेशियों को खिलाने मजबूर हुए किसान
कोरोना वायरस और लाकडाउन सब्जी उत्पादक किसानों पर आफत बनकर टूटा है। एक तरफ लाकडाउन के कारण लोकल बाजार में सब्जियों की खपत घट गई है वहीं दूसरी तरफ सीमाएं सील होने के कारण दूसरे जिले और राज्यों में सप्लाई संभव नहीं हो रही है। इस कारण किसानों की सब्जियां खराब हो रही है। ऐसे में छोटे किसानों की आर्थिक स्थिति चरमराने लगी है. धमतरी जिले के नगरी ब्लाक के किसान दिनेश देवांगन ने बताया कि पिछले पांच सालों से वे सब्जी की खेती कर रहे हैं, लेकिन पिछले दो सालों से उन्हें काफी नुकसान हुआ है। लाकडाउन के कारण उन्हें लगभग पांच लाख का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि करीब 14 एकड़ में उन्होंने गोभी की फसल लगाई थी। फसल तैयार हो गई थी, इसी बीच लाकडाउन लग गया, क्योंकि गोभी कच्ची सब्जी है। लिहाजा उसे स्टोर नहीं किया जा सकता है, जिसके बाद दिनेश ने अपनी फसल गायों को खिलाना ही बेहतर समझा।

दो से तीन रुपये किलो गोभी खरीदने को भी कोई तैयार नहीं
पुखराज कश्यप भी सब्जी की खेती करते हैं। वे कहते हैं कि उन्होंने अपनी बाड़ी में टमाटर, बैगन सहित करेला और फूल गोभी की फसल लगाई थी। लाकडाउन के बीच सब्जी तैयार होने के बाद सब्जियां को औने-पौने दाम में बेच दिया गया। वहीं इस दौरान मांग कम हो गई, जिससे सब्जियां बिक ही नहीं पाई और पूरी फसल चौपट हो गई, इसलिए उन्होंने अपनी सब्जी की फसल को गायों के हवाले कर दिया। उन्होंने बताया कि मंडी में डिमांड कम होने की वजह से दो से तीन रुपये किलो में भी फूलगोभी खरीदने को तैयार नहीं है। वे बताते हौं कि कर्ज लेकर किसानी कर रहे हैं, अगर ऐसी ही रहा तो वह बर्बाद हो जाएंगे।

लाकडाउन से सब्जी किसान हुए बर्बाद
जिले में 15 फीसद किसान साग-सब्जियों की खेती करते हैं। इनमें 10 फीसद किसान छोटे और मंझोले किसान हैं। इनके उत्पादन की अधिकतर खपत लोकल बाजार में होती है। कुछ मंझोले किसान बड़े व्यापारियों से समझौता कर आसपास के जिलों में सप्लाई कर लेते हैं, लेकिन लाकडाउन के कारण उनके व्यवसाय पर बुरा असर पड़ रहा है। सब्जी उत्पादकों ने शासन से मुआवजे की मांग की है, ताकि आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।

Source : “नईदुनिया”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *