• May 6, 2024 8:36 pm

काम से रिटायर होने के बाद अपनी जिंदगी-सपोर्ट सिस्टम को व्यवस्थित बनाने पर काम करें

17 अगस्त 2022 | पिछले हफ्ते मेरे एक परिचित के घर चोरी हो गई, वे मप्र के रतलाम की मित्र कॉलोनी में रहते हैं। वे सक्रिय वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में आते हैं, जो अपना काम खुद करते हैं, खेत पर जाते हैं, अपनी सब्जियां लाते हैं, खुद अपनी देखभाल करते हैं। इस साधारण चोरी का जिक्र करने की दो वजहें हैं।

पहला जाहिर तौर पर देश में बढ़ रहे वरिष्ठ नागरिकों को सतर्क करना है कि वे अतिसंवेदनशील जनसांख्यिकी हैं, दूसरा कारण है कि चोरियां घर बंद होने पर ही नहीं हो रहीं, इस मामले में दंपति घर के अंदर थे और चोरी हो गई! वे बुजुर्ग दंपति कॉलोनी के आखिर में 3500 वर्ग फुट के बंगले में रहते हैं, ये घर 20 साल पुराना बिना सुरक्षा गैजेट्स का है।

चूंकि पत्नी हमेशा पति के खर्राटों की शिकायत करती हैं इसलिए पति उसी तल पर दूसरे कमरे में सोते हैं। चोर किचन में पुरानी लकड़ी के फ्रेम में लगी ग्रिल तोड़कर घर में घुसे और पहले फ्लोर पर पहुंचे, जहां वे दोनों सो रहे थे। उन्होंने पति के कमरे का दरवाजा बाहर से बंद किया और पत्नि के वॉशरूम जाने का इंतजार किया, जो कि हमेशा सुबह करीब 4 बजे जाती हैं।

ज्यों ही वो वॉशरूम गईं, उन्होंने बाहर से दरवाजा बंद किया और 4 मिनट में कपबोर्ड से जो भी ज्वैलरी मिली, लेकर भाग गए। हंगामा तब शुरू हुआ जब पत्नी वॉशरूम के अंदर से पति द्वारा बंद करने पर चिल्लाईं। चीख सुनकर पति ने अपने रूम का गेट खोलने की कोशिश की, पर ये भी बंद था। तब उन्हें किसी बाहरी की उपस्थिति का अहसास हुआ, फिर खिड़की से पड़ोसियों को मदद के लिए पुकारा, इस बीच लुटेरे भाग गए। वे खुशकिस्मत थे कि उन्होंने चोट नहीं पहुंचाई।

पहले बुजुर्ग बच्चों के साथ रहते थे क्योंकि सरकारी नौकरी में क्वार्टर मिलने से वे संपत्ति नहीं बनाते थे। पर दशकों में निजी नौकरी का चलन बढ़ा। आय बढ़ी तो पहली पीढ़ी ने जहां भी काम किया- टीयर-2 शहर, कस्बे या गांव, वहां कुछ संपत्ति बनाई, बच्चों की पढ़ाई में निवेश किया। फिर बच्चे बेहतर अवसरों के लिए बड़े शहरों में गए, जबकि भावनात्मक रूप से अपनी संपत्तियों से जुड़े माता-पिता ने वहीं रहने का फैसला किया।

एकल परिवार के साथ-साथ आजादी से रहने के इच्छुक वरिष्ठों की संख्या बढ़ने से बहुत कुछ बदला है। 2026 तक वरिष्ठों नागरिकों की संख्या 17.30 करोड़ छूने के साथ भारत में रीयल एस्टेट डेवलपर इस श्रेणी के लोगों को ध्यान में रखते हुए शहरी जिंदगी से दूर एक्सक्लूसिव प्रीमियम गेट के साथ एनक्लेव बना रहे हैं।

असिस्टेड लिविंग में वे आपातकालीन हेल्थकेयर तक पहुंच के साथ स्वस्थ रहने को बढ़ावा दे रहे हैं, जो इस श्रेणी के लिए अच्छा विकल्प है। अगर आप इस श्रेणी में आते हैं और छोटी जगहों पर अकेले रहते हैं, तो अपनी मानसिक शांति के लिए कुछ जरूरी बिंदु याद रखें।

1. हर चीज व्यवस्थित रखें, जब घर पर दोनों अकेले हों तो कम ज्वैलरी और नकदी भी कम रखें। आपात स्थिति के लिए चिकित्सा सुविधा के नजदीक रहें। मेडिकल इंश्योरेंस जरूर लेंं। 2. सुरक्षा में निवेश करें-सीसीटीवी, अच्छा वॉचमैन रखें। अगर घर काफी बड़ा है और मोबाइल से ही नजर रखना चाहते हैं, तो चारों ओर आधुनिक उपकरण लगाएं। इस उम्र में मोबाइल-सैवी होना जरूरी है। 3. जितना हो सके साथ में रहें, भले दोनों में कोई खर्राटे लेता हो। 4. पसंद की किसी गेटेड कम्यूनिटी में रहें, जहां आप दिमाग चुस्त और शरीर सक्रिय रखने के साथ ज्यादा से ज्यादा सामाजिक हो सकें।

फंडा यह है कि काम से रिटायर होने के बाद अपनी जिंदगी-सपोर्ट सिस्टम को व्यवस्थित बनाने पर काम करें, क्योंकि इस उम्र समूह पर कई चीजों का खतरा है, खासतौर पर जब वो अकेले रहते हों।

सोर्स :- दैनिक भास्कर”         

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