दुनिया की सबसे बड़ी डाक सेवा भारत में है और करीब 500 साल पुरानी इस भारतीय डाक प्रणाली को विश्व भर में काफी ज्यादा विश्वसनीय डाक प्रणाली माना जाता है। भारत में करीब डेढ़ लाख से अधिक डाकघर हैं, वहीं कश्मीर की विश्व प्रसिद्ध डल झील पर तैरता एक ऐसा अनोखा डाकखाना भी है, जो आज भी पूरी तरह से कार्यात्मक है और हर सुविधा प्रदान करता है। सामान्य डाक घरों से यह काफी अनोखा है। यहां की स्टांप और इस डाक घर में चलने वाला म्यूजियम काफी मशहूर है।
यह पोस्ट ऑफिस अंग्रेजों के जमाने का है। लेकिन इसे नया नाम 2011 में फ्लोटिंग पोस्ट ऑफिस मिला। पहले इसका नाम नेहरू पार्क पोस्ट ऑफिस था। लेकिन 2011 में तत्कालीन चीफ पोस्ट मास्टर जॉन सैम्युअल ने इसका नाम फ्लोटिंग पोस्ट ऑफिस रखवाया। अगस्त 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और तत्कालीन केंद्रीय संचार और आईटी मंत्री सचिन पायलट ने इसका उद्घाटन किया था। यह पोस्ट ऑफिस जिस हाउसबोट में है उसमें दो कमरे हैं। एक कमरा पोस्ट ऑफिस के तौर पर काम करता है और दूसरा कमरा म्यूजियम के रूप में है।
तीन हजार से अधिक खाताधारक
फ्लोटिंग पोस्ट ऑफिस के पोस्ट मास्टर शौकत अहमद राथर ने बताया कि यह डाक खाना अपने आप में एक अलग खासियत रखने वाला डाक खाना है। इस समय वह हर सुविधा प्रदान कर रहे हैं जो एक सामान्य डाक खाने में लोगों को मुहैया कारवाई जाती है। वर्तमान में करीब 3000 से अधिक खाता धारक है, जिनके खाते इस डाक खाने में चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस डाक खाने में एक म्यूजियम भी था जो पहले 2014 में आई बाढ़ के कारण और फिर पिछले साल सात नवम्बर को हुई भारी बर्फबारी के कारण हाउसबोट डूबने के चलते नष्ट हो गया। अब एक बार फिर से उसे शुरू करने की प्रक्रिया जारी है।
डाक खाने को देखने आते हैं पर्यटक
इस डाक खाने को हेरिटेज के रूप में देखा जाता है। कई पर्यटक डाक खाने को देखने के लिए आते हैं। यहां अधिकांश टिकट और पोस्टकार्ड कश्मीर के विभिन्न दृश्य दर्शाते हैं।