30जनवरी 2024
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नारवेकर को अजित पवार गुट के एनसीपी विधायकों की अयोग्यता पर फैसले के लिए 15 फरवरी तक का समय दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान स्पीकर नारवेकर की तरफ से सॉलिसिटर जनरल वकील तुषार मेहता ने कोर्ट से 3 सप्ताह का समय मांगा था, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 15 दिन का समय दिया है.
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि विधायकों की अयोग्यता पर आदेश पारित करने के लिए 15 फरवरी तक का समय दिया जाए. इस पर कोर्ट ने कहा कि अयोग्यता पर फैसले के लिए 15 दिनों का समय दिया है.
कोर्ट ने फैसले के लिए 31 जनवरी का दिया था समय
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को इस मामले में फैसला करने के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया था. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि स्पीकर राहुल नारवेकर शिवसेना के मतभेद पर दायर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसले लेने में बिजी थे, ऐसे में कोर्ट द्वारा दी गई 31 तारीख पर आदेश का पालन करना मुमकिन नहीं है.
जयंत पाटिल ने दायर की याचिका
विधायकों की अयोग्यता के मामले में एनसीपी एमएलए जयंत पाटिल की ओर से याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि अभी तक स्पीकर नारवेकर ने संबंधित विधायकों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब भी नहीं किया है. पिछले साल 2 जुलाई को विधायकों की अयोग्यता को लेकर अर्जी दी गई ती. जबकि रिमाइंडर और रिप्रेजेंटेशन 5 सितंबर और 7 सितंबर को दिया गया था. याचिका में कोर्ट से महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नारवेकर को दल-बदल विरोधी कानून के तहत अजीत पवार गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली याचिकाओं पर जल्द फैसला करने का निर्देश देने का मांग की गई है.
दो धड़ों में बंट गई एनसीपी
गौरतलब है कि अजित पवार के साथ मिलकर कुछ विधायकों ने एनसीपी से नाता तोड़ लिया था और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बीजेपी और शिवसेना से हाथ मिला लिया था. इसके बाद एनसीपी दो धड़ों में बंट गई थी. एक गुट शरद पवार का है, तो दूसरा गुट अजीत पवार का है.
स्रोत:- ” TV9 भारतवर्ष “