• April 26, 2024 11:55 am

कंप्यूटर पर ज्यादा देर काम करने से बढ़ रही है सर्वाइकल की समस्या, इन योगासनों से पा सकते हैं लाभ

25 नवंबर 2022 | पूरे दिन कंप्यूटर के सामने बैठकर काम करते रहने की आदत ने न सिर्फ लोगों में शारीरिक निष्क्रियता को बढ़ा दिया है, साथ ही इसके कारण शरीर के अंगों में दर्द और अकड़न की दिक्कत भी काफी बढ़ती हुई देखी जा रही है। विशेषकर ज्यादा देर तक कंप्यूटर पर काम करते रहने वाले लोगों में कमर-पीठ दर्द और सर्वाइकल की समस्या अधिक देखी जा रही है। सर्वाइकल के कारण गर्दन के पिछले हिस्से में तेज दर्द होने लगता है। कुछ स्थितियों में लोगों के लिए गर्दन को घुमाना तक भी कठिन हो जाता है। सर्वाइकल के इस दर्द पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो इसके कारण समस्या बढ़ भी सकती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ सर्वाइकल के लिए कंप्यूटर पर ज्यादा देर तक काम करने और शारीरिक निष्क्रियता को प्रमुख कारण के तौर पर देखते हैं। इस तरह की समस्याओं से बचे रहने के लिए दिनचर्या में योगासनों को शामिल करना आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। योगासनों की आदत से शरीर में रक्त संचार बढ़ने के साथ मांसपेशियों की कठोरता कम होती है जिससे इन समस्याओं में राहत मिल सकता है।

आइए आगे उन योगासनों के बारे में जानते हैं जिनके अभ्यास की आदत आपको सर्वाइकल और गर्दन में दर्द की समस्या से राहत दिला सकती है।

कैट काऊ पोज या मार्जरी आसन (चक्रवाकासन) योग का अभ्यास आपकी गर्दन की समस्याओं को ठीक करने में विशेष लाभकारी हो सकती है। इस योग के नियमित अभ्यास से शारीरिक मुद्रा और संतुलन में सुधार होता है, जिससे पीठ और कमर दर्द के साथ गर्दन में होने वाले दर्द की समस्या से राहत मिल सकती है।  कैट काऊ पोज के दौरान कूल्हे से लेकर पेट-पीठ सहित गर्दन की मांसपेशियों का अभ्यास हो जाता है, जिससे रक्त संचार सही होता है और दर्द की समस्या को कम किया जा सकता है।
डेस्क पर गर्दन को झुकाकर काम करते रहने के कारण होने वाली दर्द की समस्या से राहत दिलाने में भुजंगासन या कोबरा पोज योग को काफी लाभदायक माना जाता है। कोबरा पोज़ आपके कंधों से लेकर पीठ और कमर तक के लिए सबसे कारगर अभ्यास में से एक है। यह रीढ़ को स्ट्रेच करने के साथ सिर और गर्दन की मुद्रा को ठीक रखने और गर्दन को सहारा देने वाली मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है। इस योग के नियमित अभ्यास की आदत आपको सर्वाइकल की समस्या में काफी लाभ दे सकती है।
सोर्स :-“अमर उजाला ”                          

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