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जयशंकर ने उठाया वीजा में देरी का मुद्दा, ब्लिंकन बोले- प्रक्रिया की तेज, महामारी को बताया कारण

29 सितंबर 2022 | अमेरिका में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वाशिंगटन डीसी स्थित इंडिया हाउस में थिंक-टैंक और रणनीतिक समुदाय के साथ कई मुद्दों पर बातचीत की। यह जानकारी अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने ट्वीट कर दी।

भारत-अमेरिका संबंध आज दुनिया को प्रभावित करते हैं: एस जयशंकर
जयशंकर ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध आज दुनिया के बाकी हिस्सों को प्रभावित करते हैं। जयशंकर ने कहा कि “मुझे लगता है कि आज हमारे संबंध पूरे विश्व को प्रभावित करते हैं। ऐसे कई देश हैं जो व्यक्तिगत और द्विपक्षीय रूप से बेहतरी के कुछ हिस्से के लिए हमारी ओर देखते हैं, जिसके लिए वे समाधान की उम्मीद करते हैं, जिसे दुनिया कई मायनों में खोज रही है।”

दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय परामर्श को ठोस, सकारात्मक और उत्पादक बताते हुए जयशंकर ने इस बात को रेखांकित किया कि यात्रा बहुत आरामदायक थी और उन्होंने अमेरिका में मंत्रियों के साथ कुछ बहुत अच्छी बातचीत की। उन्होंने आगे कहा कि द्विपक्षीय बातचीत को बड़ी वैश्विक चुनौतियों की पृष्ठभूमि में तैयार किया गया था। भारत और अमेरिका की प्राथमिकताएं कभी-कभी अलग-अलग रही हैं, इसलिए यह बहुत उच्च स्तर का कंवर्जेंस था।

जयशंकर ने उठाया वीजा में देरी का मुद्दा
इससे पहले एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के समक्ष भारत से अमेरिकी वीजा आवेदनों के काफी संख्या में लंबित होने का मुद्दा उठाया। इस पर शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि वह इस मामले के प्रति संवेदनशील हैं और इसे सुलझाने के लिये उनके पास योजना है। ब्लिंकन ने माना, एच-1बी और अन्य कार्य वीजा लेने वालों में भारतीयों का बड़ा हिस्सा है। इनमें से बहुत से आईटी क्षेत्र से संबंधित हैं।

ब्लिंकन ने भारतीय नागरिकों के वीजा आवेदन लंबित होने के लिए कोविड-19 महामारी को जिम्मेदार ठहराया। अमेरिका द्वारा मार्च 2020 में महामारी के चलते दुनियाभर में करीब सभी वीजा आवेदनों पर आगे बढ़ने की प्रक्रिया रोकने के बाद अमेरिकी वीजा सेवाएं अब लंबित आवेदनों के निस्तारण की कोशिश कर रही हैं। दोनों नेताओं ने कहा, प्रतिभा के विकास और आवाजाही को सुगम बनाना भी हमारे पारस्परिक हित में है। हम इस बात पर सहमत हुए कि इस पर आने वाली बाधाओं को दूर किया जाना चाहिए। ब्लिंकन ने वीजा आवेदनों के विलंब पर कहा, हमारे साथ आप भी थोड़ा बर्दाश्त कीजिए। यह अगले कुछ माह में सुव्यवस्थित हो जाएगा, हम इस पर बहुत ध्यान दे रहे हैं। हालांकि जयशंकर ने साझा प्रेसवार्ता में एच-1बी वीजा का जिक्र नहीं किया।

अमेरिकी वीजा चाहने वालों को आज मिल सकते हैं सवालों के जवाब
भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने बताया कि सभी श्रेणियों के लिए वीजा अब खोल दिए गए हैं, लेकिन इच्छुकों की तादाद ज्यादा होने से समय लग रहा है। वीजा चाहने वालों के सवालों के जवाब देने के लिए बृहस्पतिवार को दोपहर तीन बजे का समय निर्धारित किया है।

भारत-अमेरिकी रिश्तों पर आश्वस्त : जयशंकर
भारत-अमेरिकी रिश्तों को पिछले कुछ दशकों में आकार देने में अहम भूमिका निभाने वाले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि वह इस द्विपक्षीय संबंध को लेकर बहुत आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा, एक राजदूत के बतौर अपने 4 दशक के कार्यकाल में मैंने सबसे बड़ा बदलाव भारत-अमेरिकी संबंधों में देखा है। इसका एक बेहतरीन उदाहरण ‘क्वाड’ (चतुर्भुज सुरक्षा संवाद) है, जिसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत शामिल हैं। हमने 15 साल पहले क्वाड गठन की कोशिश की थी लेकिन तब यह मुमकिन नहीं हो पाया था, जबकि अब अच्छे से काम कर रहा है।

सुरक्षा परिषद को और समावेशी बनाएं : ब्लिंकन
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को और अधिक समावेशी बनाने की जरूरत पर बल दिया। जयशंकर के साथ साझा प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा, जिन चुनौतियों का हम सामना कर रहे हैं, उनसे निपटने के लिए यूएन के सदस्यों को चार्टर पालन के साथ सुरक्षा परिषद को और अधिक समावेशी बनाने सहित संस्थान का आधुनिकीकरण भी करना चाहिए। इसलिए, महासभा में अपने संबोधन में जो बाइडन ने भी सुरक्षा परिषद के स्थायी व गैर-स्थायी दोनों प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ाने के कदम का समर्थन किया। यह भारत की लंबे समय से चली आ रही मांग है।

सैन्य आपूर्ति को लेकर रूस के साथ कोई समस्या नहीं
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत के लिए राष्ट्रीय हित सर्वोपरि हैं और यूक्रेन में युद्ध के बाद से उसे सैन्य उपकरणों की मरम्मत व कल-पुर्जों की आपूर्ति को लेकर रूस के साथ काम करने में कोई कठिनाई नहीं आई है। उन्होंने ब्लिंकन के साथ साझा प्रेसवार्ता में कहा, हमें हमारे सैन्य उपकरण कहां से मिलते हैं, यह समस्या नहीं है, वास्तव में भू-राजनीतिक तनाव के कारण यह मुद्दा खड़ा हुआ है। हमने अमेरिका से भी काफी कुछ खरीदा है। भारत दुनिया भर में संभावनाओं को देखता है।

व्हाइट हाउस में जयशंकर का जोर मुक्त हिंद-प्रशांत पर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से व्हाइट हाउस में मुलाकात की और भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत करने तथा मुक्त व समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र विकसित करने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने सुलिवन से यूक्रेन के मुद्दे पर भी बातचीत की। दोनों ने यूक्रेन में रूसी हमलों का प्रभाव घटाने व सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के विचारों का आदान-प्रदान किया।

  • अमेरिकी वाणिज्य मंत्री से आईपीईएफ पर चर्चा… अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो ने जयशंकर से मिलकर द्विपक्षीय वाणिज्यिक संबंधों और हाल में गठित हिंद-प्रशांत आर्थिक प्रारूप (आईपीईएफ) पर चर्चा की। रायमोंडो ने आईपीईएफ में भारत की भागीदारी और आईपीईएफ पर जयशंकर के विचारों का स्वागत किया।

Source:-“अमर उजाला” 

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