27 अगस्त 2022 | मानसून ने इस बार 11 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। तकरीबन एक दशक में ऐसा पहली बार है, जब प्रदेश के 18 बड़े बांध में से 15 बांध 90% से ज्यादा तक भर चुके हैं। सिर्फ तीन बांधों में फिलहाल पानी कम है। उधर, सितंबर में मानसून के एक बार फिर एक्टिव होने की संभावना है। नया वेदर सिस्टम बनते ही बारिश का अगला दौर शुरू होगा।
दरअसल, राजस्थान में बीसलपुर, माही, राणा सागर और जवाई बांध समेत 18 बड़े बांध हैं, जिसमें पांच पूरी तरह लबालब हैं। ये हालात तब है, जब इन बांधों के गेट खोलकर पानी भी छोड़ा गया है। टोंक के हारो, बीसलपुर और गलवा तीनों बांध छलक रहे हैं। बूंदी का गुढा और प्रतापगढ़ में जाखम बांध भी अपनी क्षमता तक पूरे भरे हैं।
चित्तौड़गढ़ का राणा प्रताप सागर बांध 94 फीसदी, कोटा बैराज 95 फीसदी, बांसवाड़ा का माही सागर 93 फीसदी भरा हुआ है। धौलपुर का पार्वती डेम, डूंगरपुर के सामनकला और राजसमंद डेम में पिछले साल की तुलना में इस बार पानी कम है।
इसलिए भर गए सारे बांध
दरअसल, इस बार मानसून किसी एक क्षेत्र में नहीं बल्कि पूरे राजस्थान में जमकर बरसा है। कभी पूर्वी राजस्थान में तो कभी पश्चिमी राजस्थान में बारिश ने लगातार बांधों को भरने का काम किया। दक्षिणी राजस्थान भी सूखा नहीं रहा। हर तरफ बारिश होने से अधिकांश बांधों में करीब 1 साल तक पीने का पानी आ चुका है।
राजस्थान पर मेहरबान मानसून
देश और दुनिया में भले ही राजस्थान की पहचान कम पानी वाले राज्य के रूप में होती है, लेकिन हकीकत ये है कि पिछले 11 सालों में दस साल का मानसून सामान्य से अधिक ही बरसा है। केवल 2018 के मानसून में सामान्य से छह प्रतिशत कम पानी बरसा। 2011 से 2017 तक और 2019 से 2021 तक बारिश का आंकड़ा पिछले साल से ज्यादा में ही रहा है।
राजस्थान में पिछले 12 वर्षों में ऐसे बरसा मानसून
वर्ष | बारिश (MM में) | कम/ज्यादा (%में) |
2011 | 590.4 | +41% |
2012 | 464.6 | +11 |
2013 | 527.2 | +26 |
2014 | 420.4 | +0 |
2015 | 457.6 | +9 |
2016 | 536.4 | +28 |
2017 | 454.9 | +9 |
2018 | 393.3 | -6 |
2019 | 583.6 | +41 |
2020 | 449.8 | +8 |
2021 | 485.3 | +17 |
2022 | 587.94 | – |
एक दिन पहले ही खोले गए थे बीसलपुर डेम के गेट
एक दिन पहले ही बीसलपुर डेम के दो गेट खोले गए थे। 19 साल में छठी बार ऐसा मौका आया। इससे पहले कोटा बैराज, कालीसिंध और माही डेम के गेट खोल पानी छोड़ा गया। मौसम विभाग के अनुसार अगस्त के इन 4 दिनों में बारिश नहीं होगी। वहीं सितंबर के पहले सप्ताह में भी संभावना कम है। इसके बाद बारिश का एक दौर शुरू हो सकता है। वैसे तो 14 सितंबर के बाद से मानसून की राजस्थान से विदाई शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार इसकी वापसी थोड़ा लेट हो सकती है।
पड़ोसी राज्यों में भी लबालब हैं डेम
पश्चिमी राजस्थान को पीने का पानी देने वाले पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश के डेम में भी पानी अब तक पहुंच रहा है। पंजाब के भाखड़ा, पोंग व रणजीत सागर में पानी की आवक पिछले साल की तुलना में ज्यादा हो रही है।
सोर्स :- “दैनिक भास्कर”