15 अक्टूबर 2022 | देश में 5जी इंटरनेट सेवा के आगाज से बड़ी सुविधा मिलने जा रही है, लेकिन संवेदनशील प्रदेश जम्मू-कश्मीर में इसे लेकर सुरक्षा चिंताएं और चुनौतियां भी खड़ी हो गई हैं। सुरक्षा मामलों के जानकारों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में 5जी सेवा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकती है, जिसे लेकर सुरक्षा अमले को अभी से तैयार किया जा रहा है। केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू के राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन विभाग की ओर से पुलिस महकमे के 20 हजार अधिकारियों और कर्मचारियों को साइबर योद्धा की ट्रेनिंग दी जाएगी।
यह साइबर योद्धा तेज गति की इंटरनेट सेवा की आड़ में फ्रॉड और राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरों से निपटेंगे।
जम्मू-कश्मीर में हाईटेक तरीकों का इस्तेमाल कर आतंकी गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है। इसी ट्रेंड को देखकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन विभाग ने 5जी सेवा के दौरान कानून के प्रहरियों को समय रहते प्रशिक्षित करने का प्रस्ताव बनाया है। केंद्रीय विश्वविद्यालय और पुलिस टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में जल्द ही एमओयू होने जा रहा है। इसमें साइबर एक्सपर्ट पुलिस महकमे में डीएसपी रैंक या ऊपर के अफसरों को मास्टर ट्रेनर बनाएंगे, जो बाद में विभाग के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को ट्रेनिंग देंगे। जम्मू-कश्मीर पुलिस में अनुमानित 80 फीसदी अमला साइबर अपराध पर जांच करने में सक्षम नहीं है। ऐसे में डिजिटल इन्वेस्टिगेशन के क्षेत्र में दिक्कतें आती हैं।
चुनौतियां
1. पाकिस्तानी ड्रोन हो जाएंगे ज्यादा मारक : सीमा पार से हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी से लेकर हमलों में पाकिस्तानी ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से धमाके किए गए थे। ड्रोन को इंटरनेट से संचालित किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार 5जी सेवा की मदद से ड्रोन की क्षमता बढ़ेगी।
2. डेटा ट्रांसफर की गति होगी तेज : इस तरफ से सीमा पार भेजी जाने वाली सूचनाओं, तस्वीरों और वीडियो के आधार पर आतंकी साजिशें रची जाती हैं। 5जी से उच्च गुणवत्ता वाला डेटा तेजी से ट्रांसफर होगा। एक ही उपकरण पर बड़ी संख्या में स्मार्ट फोन और कंप्यूटर ऑपरेट होने से ऐसे तत्वों की पहचान ज्यादा मुश्किल होगी।
जम्मू-कश्मीर की संवेदनशीलता को देखते हुए केंद्रीय विश्वविद्यालय की ओर से देश में अपनी तरह का पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया गया है। इसकी शुरुआत हो गई है, लेकिन एमओयू होने के बाद 5जी की चुनौतियों और खतरों से निपटने की रणनीति पर बड़े स्तर पर काम होगा।