22 नवंबर 2023 ! इजराइल-हमास युद्ध को देखते हुए पाकिस्तान के आतंकी संगठन भारत के खिलाफ एक्टिव हो गए हैं. आतंकियों के ओर से लगातार कोशिश हो रही है कि ज्यादा से ज्यादा हथियार जम्मू कश्मीर में पहुंचाए जाएं, जिससे आतंकियों के आका पाकिस्तान के मंसूबे पूरे हों. पाकिस्तान में बैठे आतंकियों का मैसेज हमारी फोर्सेस ने डिकोड कर लिया है.
जम्मू कश्मीर में बीते सालों में आतंकवादी गतिविधियों में बड़ी गिरावट आई है. इसका सबसे बड़ा कारण फोर्सेज की मुस्तैदी और घाटी के युवाओं को मुख्य धारा से जोड़ने की सरकार की कवायद है. हालांकि भारत की ये कामयाबी लगातार आतंकियों के आकाओं की आंखों में खटक रही है, इसलिए आतंकी भारत में बड़ा आतंकी हमला करने की साजिश रच रहे हैं.
‘गाजा नरसंहार उन सभी लोगों के लिए आंखें खोलने वाला होना चाहिए, जो संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवाधिकार समूहों या देशों की ओर अपनी उम्मीदें लगाए हैं. वे लोग या IIOJK से संबंधित संगठन जो IIOJK को बेचने की कोशिश करते हैं, वे संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ जैसे नकली पक्षपाती संगठनों को नुकसान पहुंचाते हैं. मरी हुई खामोशी इन तथाकथित शांति के रक्षकों का जीवंत प्रमाण है. यदि ये पाखंडी गाजा नरसंहार पर चुप हैं तो IIOJK के भाग्य की कल्पना करें अब समय आ गया है कि IIOJK में अपने लड़ाके (मिलिटेंस/आतंकवादर) अपनी रणनीति बदलें और कब्जे वाले भारतीय शासन में और उसके आसपास बड़े हमलों पर ध्यान केंद्रित करें.’
आतंकियों को पाकिस्तान से जो संदेश भेजा जा रहा है, उसमें आतंकियों से कहा गया है कि – बड़ा सोचें, अपनी बंदूकें बड़े प्रोफाइल पीएम और HM के लिए तैयार रखें, अधिग्रहीत भारतीय शासन में रणनीतिक प्रतिष्ठानों , और सरकारी सुरक्षा एजेंसियों के कार्यालयों को टारगेट करने के लिए कहा गया है. खास बात ये है कि इस संदेश में पर्यटकों को भी निशाना बनाने के लिए कहा गया है, इसके पीछे तर्क दिया गया है कि पर्यटकों के बहाने ही सरकार कश्मीर में हालात सामान्य दिखाने की कोशिश करती है. इसके अलावा गैर स्थानीय लोगों को शिकार बनाने तथा ऐसे स्थान पर हमला करने के लिए कहा गया है जहां पर किया गया अटैक भारत के लिए ज्यादा पीड़ा दायक हो. इसमें ये भी कहा गया है कि भारत की सड़कों पर खून बहाओ, कश्मीर में बहे खून की हर बूंद का बदला कश्मीर से बाहर लो. जो भी करें उसके बारे में बताएं कि ऐसा क्यों किया गया है.
आतंकियों के आकाओं का ये मैसेज भारतीय आर्मी ने डिकोड कर लिया है. इसीलिए जम्मू कश्मीर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. भारतीय सुरक्षा बलों ने अपने ऑपरेशन क्लीन को तेज कर दिया है. जम्मू-कश्मीर में इस साल अब तक कुल 107 आतंकियों को टारगेट किया गया है, इनमें लोकल आतंकियों की संख्या 36 है, जबकि पाकिस्तानी दहशतगर्दों का आंकड़ा 71 है.
माना जा रहा है कि पाकिस्तानी ISI और उसके आतंकी संगठनों को घाटी में दहशतगर्दी बढ़ाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. अधिकांश लोकल युवा, पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के बहकावे में आकर हथियार उठाने से मना कर रहे हैं. यही वजह है कि अब पाकिस्तान को मजबूरन अपने यहां से आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में भेजना पड़ता है. जून 2021 में पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक और वरिष्ठ सांसद रजा जफर उल हक ने सार्वजनिक तौर पर यह बात स्वीकार की थी कि पाकिस्तान की आर्मी ने गाजा पट्टी में हमास के लड़ाकों को मिलिट्री ट्रेनिंग दी है. हमास के लिए यह ट्रेनिंग प्लेटफार्म लंबे समय से संचालित हो रहा है. उसी पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में भी अपने 71 दहशतगर्द भेजे हैं.
सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष “