• May 8, 2024 10:14 am

विधानसभा में गूंजेगी विस्थापितों की आवाज…मोदी सरकार के फैसले पर क्या बोले जम्मू-कश्मीर के नेता

7 दिसंबर 2023 ! लंबी बहस के बाद जम्मू कश्मीर आरक्षण और पुनर्गठन संशोधन विधेयक 2023 बुधवार को लोकसभा से पास हो गया. लोकसभा में बिल पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह बिल लोगों को न्याय दिलाने वाला बिल है. 70 साल से इसकी अनदेखी गई. अमित शाह ने कहा कि इस विधेयक में हमने न्यायिक परिसीमन की बात की है. इस विधेयक में दो सीट कश्मीरी विस्थापितों के लिए आरक्षित की गई है.

जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं के सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. जम्मू-कश्मीर भाजपा के प्रवक्ता राजीव पंडिता ने कहा कि हम इस विधेयक के पारित होने का स्वागत करते हैं. यह कश्मीरी पंडितों के लिए एक बड़ा दिन है. विधानसभा में कश्मीरी पंडितों के लिए दो सीटें आरक्षित करने के फैसले को लेकर उन्होंने कहा कि यह विधेयक कश्मीरी समुदाय को राजनीतिक रूप से सशक्त करेगा.

वहीं, ऑल स्टेट कश्मीरी पंडित कॉन्फ्रेंस के पूर्व महासचिव डॉ टीके भट्ट ने भी इस विधेयक को लोकसभा से पास होने पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि यह विधेयक घाटी में कश्मीरी समुदाय की राजनीतिक विरासत को बहाल करेगा, जो पहले ही नष्ट हो गई थी. उधर, कांग्रेस केपी अल्पसंख्यक सेल के प्रमुख हीरा लाल हंगलू ने खुशी जताई. उन्होंने कहा कि यह स्वागतयोग्य कदम है. हम फैसले से खुश हैं.

वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी पीओके के विस्थापितों के लिए विधानसभा में सीट आरक्षित करने के खिलाफ नहीं है, लेकिन उनका मानना है कि यह फैसला निर्वाचित सरकार पर छोड़ देना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम पीओके को वापस हासिल करने के बारे में सुनते थे. अब, क्या यह केवल आरक्षण पर ही रुक गया है?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विधानसभा में 9 सीट अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित की गई हैं. पीओके लिए 24 सीटें आरक्षित की गई हैं क्योंकि पीओके हमारा है. उन्होंने कहा कि इन दोनों संशोधन को हर वो कश्मीरी याद रखेगा जो पीड़ित और पिछड़ा है. गृह मंत्री ने कहा कि विस्थापितों को आरक्षण देने से उनकी आवाज जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में गूंजेगी.

शाह ने कहा कि अगर वोट बैंक के बारे में सोचे बिना शुरुआत में ही आतंकवाद से निपटा जाता तो कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़कर नहीं जाना पड़ता. बता दें कि नए बिल में जम्मू क्षेत्र में 37 से बढ़ाकर 43 और कश्मीर क्षेत्र में 46 से 47 विधानसभा की सीटें कर दी गई हैं.

सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष    

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