राजस्थान अपनी राजशाही और समृद्ध विरासत के लिए विश्व भर में जाना जाता हैं। राजस्थान में शासन करने वाले राजाओं ने अलग अलग महल और क़िलों का निर्माण कराया था। उस समय के निर्मित कुछ क़िले इतने भव्य हैं सैकड़ों साल बीत जाने के बाद, आज भी इसकी भव्यता देखते ही बनती है। उन्ही क़िले में से एक किला मेहरानगढ़ का किला है। यह राजस्थान ही नही, बल्कि भारत का सबसे बड़ा किला माना जाता है। यह किला लगभग 700 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है |
इस किले का निर्माण सन 1460 के आसपास मंडोर ( अब राजस्थान ) के शासक राव जोधा द्वारा करवाया गया था। राव जोधा को ही जोधपुर शहर के स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने जोधपुर की स्थापना 1459 में किया था। यह किला जोधपुर में ही हैं। इस विशाल किले का निर्माण शहर से 410 मीटर ऊपर किया गया था जो कि चारो ओर से एक मोटी बाउंड्री से घिरा हुआ था। इस बाउंड्री के अंदर कई आलीशान महल हैं जो कि अपनी निर्माण कला और साजसज्जा के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
इस किले के में कुल 7 गेट ( दरवाजा ) हैं। इनमें से प्रत्येक गेट अपने आप में एक विजयी गाथा समेटे हुए है। कहा जाता है कि जब राजा युद्ध में जीत दर्ज करते थे तब जीत की स्मारक के रूप में इन गेटों का निर्माण करवाया जाता था। इस महल का 7वां दरवाजा महाराजा मान सिंह द्वारा बनाया गया था। इस सातवें दरवाज़े को जय पोल हैं। इसका अर्थ विजयी यानी जीत होता हैं। फत्तेहपोल नाम के दरवाजे के निर्माण महाराजा अजित सिंघजी द्वारा करवाया गया था। उन्होंने इसका निर्माण मुग़लो को हराने के बाद किया था।
- इस 700 एकड़ में फैले विशाल किले के
अंदर मोती महल, शीश महल जैसे शानदार महल मौजूद है। इन महल में की गयी नक्काशी आज भी आकर्षण का केंद्र है। बड़ी संख्या में शैलानी इस ओर विशेष रूप से घूमने आते हैं। इसके अलावा फूल महल, सिलेह खाना और दौलत खाना भी इसके अंदर ही मौजूद है जो कि आकर्षण का केन्द्र है।
इस किले के अन्दर मौजूद म्यूज़ियम आज भी राजस्थान के बेहतरीन म्यूज़ियम में से एक है। इस म्यूज़ियम के अंदर उस दौर के शाही पालकी भी मौजूद है। इसके साथ साथ यहां शाही पालने, चित्र, वाद्द्य यंत्र ,आभूषण और फर्नीचर भी मौजूद है। इस महल के टॉप पर पुरानी तोप भी मौजूद है। यहां से शहर का बहुत ही खूबसूरत नजारा देखने को मिलता हैं। इस मयूज़म में मुग़लकाल के कुछ संरक्षित किए हुए कला भी देखने को मिलते हैं।