31 जुलाई 2021 | JDU के लिए आज का दिन खास है, क्योंकि दिल्ली में नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो शाम 4 बजे की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर फाइनल मुहर लग जाएगी। इसके पहले दिल्ली के जंतर मंतर कार्यालय में 11 बजे से एक बैठक शुरू हुई है। इसमें तत्कालिक मुद्दों पर चर्चा हो रही है। यही मुद्दे शाम को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लाए जाएंगे और उन्हें पास किया जाएगा।
हालांकि, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का कोई एजेंडा कार्यकारिणी की बैठक में नहीं है। पदाधिकारियों की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर एक एजेंडा लाया जा सकता है और उसे कार्यकारिणी में तत्काल ले जाया जाएगा और राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा। इस पद की रेस में सबसे आगे ललन सिंह का नाम है और उसके बाद उपेंद्र कुशवाहा। इन दोनों नामों पर अगर सहमति नहीं बनी और पार्टी में अंतर्कलह की आहट तेज होती दिखी तो JDU का नया प्लान भी तैयार है। कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह या खुद नीतीश कुमार भी हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि इस पद के लिए जो नाम सामने आए हैं, उनमें क्या खूबियां है:-
राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह , सांसद मुंगेर:
JDU के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं। JDU में काफी मजबूत हैं। राष्ट्रीय स्तर पर नीतीश कुमार की ब्रांडिंग करने में काफी मेहनत की थी। हाल के दिनों में जब केंद्रीय मंत्रिमंडल में JDU की तरफ से मंत्री बनाने की बात चली तो ललन सिंह का नाम सबसे ऊपर था, लेकिन जातीय समीकरण को देखते हुए आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। ऐसे में नीतीश कुमार ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर केंद्रीय मंत्री ना बनने का डैमेज कंट्रोल कर सकते हैं।
उपेंद्र कुशवाहा , चेयरमैन, JDU संसदीय बोर्ड:
बिहार विधानसभा 2020 से पहले अपनी पार्टी RLSP चलाया करते थे, लेकिन विधानसभा में मिली करारी हार के बाद पूरी तरह से टूट गए। कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार की शरण में आ गए। अपनी पार्टी RLSP का विलय उन्होंने JDU में कर दिया। लगे हाथों नीतीश कुमार ने उन्हें JDU के संसदीय बोर्ड का चेयरमैन बना दिया और 3 दिन बाद उपेंद्र कुशवाहा को विधान पार्षद परिषद भेजकर MLC भी बना दिया। जब से उपेंद्र कुशवाहा JDU में शामिल हुए हैं तब से वह संगठन को मजबूत करने में लगे हुए हैं।
अभी उपेंद्र कुशवाहा बिहार यात्रा कर रहे हैं। कुशवाहा को पहली बार विपक्ष का नेता नीतीश कुमार ने ही बनाया। उसके बाद कुशवाहा ने JDU छोड़ दी थी, फिर नीतीश कुमार ने उन्हें दोबारा बुलाकर राज्यसभा सांसद बनाया। फिर उन्होंने JDU छोड़ दिया था। एक बार फिर उपेंद्र कुशवाहा की वापसी JDU में हुई है। संगठन को बेहतर तरीके से चलाने में माहिर उपेंद्र कुशवाहा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की बात चल रही थी। जातीय समीकरण और संगठन को देखते हुए फिलहाल उपेंद्र कुशवाहा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना कम ही है। हालांकि, अंतिम निर्णय नीतीश कुमार को ही लेना है।
वशिष्ठ नारायण सिंह, वरिष्ठ नेता, राज्यसभा सांसद, JDU: जेपी आंदोलन की उपज वशिष्ठ नारायण सिंह JDU के कद्दावर नेता हैं। सभी नेता उन्हें अपना अभिभावक मानते हैं। जनवरी 2021 में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से JDU प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ा था। वशिष्ठ नारायण सिंह को कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है, लेकिन इसके बीच में एक परेशानी उनके स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र को लेकर हो सकती है। इसकी वजह से वह इस पद को स्वीकार करने में असहमत हो सकते हैं। हालांकि, दूसरे ऑप्शन के तौर पर नीतीश कुमार खुद कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं। हालांकि एक व्यक्ति एक पद के फाॅर्मूले पर चल रहा JDU अंतिम दौर में इस पर फैसला लेगा। यदि किसी के नाम पर सहमति नहीं बनी तो तो ये कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऑप्शन है।
Source;-“दैनिक भास्कर”