कोरोना के दिनों में सराहनीय कार्य करने के बदले में सूरत की डीसीपी सरोज कुमारी को महिला आयोग द्वारा केंद्रीय माहिती और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के हस्तों महिला कोरोना योद्धा वास्तविक हीरो अवार्ड से सम्मानित किया गया। देशभर में पुलिस,स्वास्थ्य और स्वच्छता इस टीम केटेगरी में श्रेष्ठ काम करने वालों में से गुजरात से पुलिस कैटेगरी में सिर्फ एक महिला आईपीएस को चुना गया।
श्रमिको के लिए भोजन का प्रबंध
कोरोना में लॉकडाउन के दौरान उन्होंने वडोदरा में तत्कालीन उप पुलिस कमिश्नर के तौर पर ड्यूटी पर थी। तब श्रमजीवी,गरीब और झोपड़ी में रहने वाले तथा फुटपाथ और और ब्रिज के नीचे नीचे रहने वाले लोग भूखे नहीं रहे इसलिए पुलिस किचन का आइडिया अमल में लाया था। इसके अलावा महिला पुलिस कर्मचारियों के साथ में मिलकर 500 लोगों को भोजन बना कर खिलाया था। इसके अलावा उन्होंने लोगों को भोजन के साथ दवाई मिले इसलिए निर्भयम सेल भी शुरू करवाया था।
मनोचिकित्सकों से भी करवाई काउन्सिलिंग
इन दिनों अकेले जीने वाले वृद्ध लाचार हो गए थे मनोचिकित्सकों से भी उनकी काउंसिलिंग की मदद भी करवाई थी। जुलाई में उनकी सूरत डीसीपी के तौर पर ट्रांसफर हो गई थी। यह अवॉर्ड तीन कैटेगरी में घोषित हुए हैं। वडोदरा में श्रेष्ठ काम करने के अवेज में गुजरात में से सरोज कुमारी को चुना गया। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में उन्हें इस अवार्ड से सम्मानित किया गया। उनका कहना है कि पुलिस का काम सिर्फ लोगों से नियम का पालन करवाना या लोगों की सुरक्षा करने तक सीमित नहीं है। लोग भय मुक्त रहें यह भी जरूरी है यह हमारी प्राथमिकता है। लॉकडाउन के दौरान कई लोगों ने निस्वार्थ भाव से जरूरतमंदों की मदद की है। मेरे ख्याल से वह लोग ही असली हीरो हैं।