रुद्रपुर : भूमिगत जलस्तर बढ़ाने को बारिश की हर बूंद सहेजने के लिए मुहिम छेड़ दी गई है। जिले में जिला विकास विभाग ने जल संरक्षण पर काम शुरू कर दिया है। जिला विकास अधिकारी ने ब्लाकों से अपने-अपने गांवों में तालाब, छोटे पोखर आदि खुदवाने को प्रस्ताव मांगे हैं। बीते साल मनरेगा के कुल बजट का 65 फीसद प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन योजना के तहत खर्च किया गया। जिसमें पौधरोपण सहित दूसरे क्रियाकलाप शामिल हैं। इस बार बजट को तीन फीसद तक बढ़ाया गया है।
जिले में वैसे तो भूगर्भ जलस्तर बेहतर है। भविष्य में हालात और बेहतर हों, इसके लिए लगातार जल संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं। बारिश का पानी व्यर्थ न जाने पाए, इसके लिए प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन योजना में मनरेगा के बजट में से 65 फीसद बजट बीते वित्तीय वर्ष में खर्च किया गया। जो कि करीब 27 करोड़ रुपये था। इसमें मत्स्य व विकास विभाग ने मिलकर करीब 80 से अधिक तालाबों की खुदाई की है। इस बार प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के बजट में तीन फीसद की बढ़ोत्तरी करते हुए 68 फीसद खर्च करने का प्रस्ताव है। साथ ही बारिश से पहले सभी ब्लाकों से कार्ययोजना बनाकर देने के निर्देश जिला विकास अधिकारी ने सीडीओ के साथ बैठक के बाद दिए हैं। जिसमें गांवों में छोटे -छोटे पोखरों का निर्माण किया जाएगा। साथ ही लोग घरों के सामने भी बारिश के पानी का संरक्षण कर सकते हैं। उसका प्रयोग वह अपने खेतों व छोटी-छोटी क्यारियों को सींचने में कर सकेंगे। प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में पौधारोपण को भी बढ़ावा दिया जाना है, जो कि जिला उद्यान विभाग सहित कई विकास विभाग अपने-अपने स्तर पर पौधारोपण अभियान शुरू करते हैं। इसमें अलग-अलग विभागों को अपना बजट खर्च करने के लिए मिलता है।
बारिश का पानी व्यर्थ न जाए, इसके लिए कुशल प्रबंधन की कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसमें मत्स्य विभाग सहित जिला उद्यान विभाग सहित कई विभागों को शामिल किया गया है। मनरेगा से तालाबों की खुदाई होगी। बारिश का पानी बचाने को नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जनजागरण अभियान चलेगा।
डा. महेश गुप्ता,
जिला विकास अधिकारी ऊधम सिंह नगर।